अक्सर एक्सपर्ट कहते हैं कि मुंह और आंतों के बैक्टीरिया सेहत के लिए अच्छे और जरूरी होते हैं, लेकिन कई बार ये किसी बीमारी के होने पर उसके लक्षणों को बढ़ा भी सकते हैं. खासकर, बैड बैक्टीरिया की बात की जाए तो हाल ही में हुई एक स्टडी में ये खुलासा किया गया है कि मुंह और आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पार्किंसंस डिजीज में कई मायनों में हानिकारक साबित हो सकते हैं.
पार्किंसंस डिजीज को शुरुआत में पहचानना मुश्किल
किंग्स कॉलेज के शोधकर्ता डॉ. सईद शोए का कहना है कि मुंह और आंत के बैक्टीरिया मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों को प्रभावित करते हैं. इनमें होने वाला असंतुलन सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है.
जब इनकी तुलना स्वस्थ लोगों से की गई तो रिजल्ट में पाया गया कि जिन लोगों में कॉग्निटिव समस्याएं थीं, उनकी आंत में हानिकारक बैक्टीरिया अधिक थे, जो संभवतः मुंह से आंत में पहुंचे थे. इसे ‘ओरल-गट ट्रांसलोकेशन’ कहते हैं, जहां मुंह के बैक्टीरिया आंत में जाकर सूजन और विषाक्त पदार्थ पैदा करते हैं, जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
शोध सहयोगी डॉ. फ्रेडरिक क्लासेन का कहना है कि फिलहाल ये हमें नहीं पता कि ये बैक्टीरिया कॉग्निटिव गिरावट का कारण हैं या बीमारी के कारण बढ़ते हैं, लेकिन वे लक्षणों को और खराब करते हैं.