जमशेदपुर. भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जब यहां के लोग किसी लक्ष्य को तय कर लेते हैं तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं. ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के नवागांव के रहने वाले दो दोस्त कृष्ण ठाकुर और रितेश टेकाम. मात्र 23-23 साल के ये दोनों युवा बिना किसी धनराशि के, सिर्फ साइकिल के सहारे भारत दर्शन के लिए निकले हैं.
जमशेदपुर पहुंचने पर लोकल 18 से बातचीत में इन्होंने ने बताया कि वे 12 जनवरी को अपने गांव से रवाना हुए थे. अब तक वे राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की यात्रा कर चुके हैं. झारखंड के बाद अब उनका अगला पड़ाव ओडिशा, केरल और कन्याकुमारी है. इस यात्रा को उन्होंने ‘पीस राइड’ नाम दिया है, जिसका उद्देश्य लोगों को ‘पानी बचाओ, पेड़ लगाओ’ अभियान से जोड़ना है.
कृष्ण ठाकुर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं और गर्मी बढ़ रही है. इसका मुख्य कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और पानी की बर्बादी है. इसी संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वे यह यात्रा कर रहे हैं.
यात्रा के दौरान उन्होंने यह भी महसूस किया कि जहां विभिन्न धर्मों के लोग मिलकर रहते हैं, वहां विकास अधिक देखने को मिलता है, जबकि एक ही धर्म के समुदायों में यह विकास धीमा है. यात्रा के दौरान रात में वे पुलिस थानों, पेट्रोल पंपों और मंदिरों में रुकते हैं. कई जगहों पर स्थानीय लोग उन्हें खाना और आर्थिक मदद भी देते हैं, जिससे उनका सफर सुगम हो रहा है.
5,500 किमी दूरी तय
यात्रा के दौरान उनके पास सिर्फ दो-चार जोड़ी कपड़े, एक चटाई, पावर बैंक और कुछ दवाइयां हैं. उनके पास न कोई बड़ी सुविधा है, न ज्यादा सामान, बल्कि केवल उनका साहस और सकारात्मक ऊर्जा ही इस यात्रा का असली आधार है. अब तक वे 5,500 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं और 5,000 किलोमीटर का सफर अभी बाकी है. ये इनकी हिम्मत और जज्बे की मिसाल है, जो पूरे देश में पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंचाने के लिए निकले हैं.