रिपोर्ट- लखेश्वर यादव
जांजगीर चांपा. जांजगीर चांपा जिला अस्पताल में अब मरीजों को दिल्ली के एम्स की तर्ज पर बेहतर और तुरंत इलाज मिल पाएगा. अस्पताल में कोड व्यवस्था लागू की जा रही है. मरीज की स्थिति देखते ही उसे कोड दिया जाएगा. उसी के अनुसार डॉक्टर उसका इलाज शुरू करेंगे.
हॉस्पिटल में सीरियस मरीजों को तत्काल और बेहतर ईलाज हो इसके लिए दिल्ली एम्स हॉस्पिटल के तर्ज पर इलाज उपलब्ध होगा. इसके लिए अलग अलग तीन प्रकार के कोड (लेवल) बनाए गए हैं. रेड कोड, येलो कोड, ग्रीन कोड. इसमें रेड कोड में कॉर्डियेक अरेस्ट, सुसाइड अटैम्प्ट, सर्पदंश, एक्सीडेंट के मरीजों को शामिल किया गया है.
एम्स में ट्रेनिंग
जांजगीर चांपा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल जगत ने बताया राज्य सरकार की पहल पर 11 जिला हॉस्पिटल्स से 4- 4 सदस्यों की टीम ट्रेनिंग के लिए दिल्ली एम्स गयी थी. इसमें इमरजेंसी डिपार्टमेंट और ट्रॉमा के हिसाब से ट्रेनिंग दी गयी. ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य यह है कि अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से जिस मरीज को त्वरित इलाज की जरूरत है. उसे तत्काल इलाज उपलब्ध कराना. जल्द ही ये सिस्टम जांजगीर चांपा जिला हॉस्पिटल में होगा. इसके लिए सेटअप तैयार किया जा रहा है. यह व्यवस्था प्रदेश के 11 जिलों में लागू होगी.
मरीजों के तीन कोड
डॉक्टर जगत ने बताया कोड रेड में लकवा, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हेड इंजुरी, सर्पदंश, आत्महत्या के प्रयास, जहर खाने वाले गंभीर मरीजों को शामिल किया गया है. इस मरीज के जिला अस्पताल पहुंचने पर तत्काल इलाज दिलाने और उसकी जान बचाने के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम, इमरजेंसी इक्यूपमेंट और दवा मौजूद रहेगी. कोड रेड सुनकर डॉक्टर और स्टाफ की टीम बाकी सब काम छोड़कर सभी कोड रेड में पहुंच जाएंगे. जिसे जिस काम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, वह वहीं काम करेगा. उसी स्थान पर रहेगा, ताकि मरीज के इलाज में देरी न हो. ऐसे ही कोड यैलो में ऐसे मरीज को रखा गया है जिनकी जान को खतरा नहीं है. कोड ग्रीन में सामान्य फीवर, और सामान्य मरीज को रखा गया है.
रेड कोड मरीजों को प्राथमिकता
सिविल सर्जन डॉ अनिल जगत ने बताया कई बार ऐसा होता है कि मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं. इससे इलाज में देरी होती है. फिर मरीज को बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है. जान बचाने के लिए हर एक मिनट कीमती होता है. इसलिए ये व्यवस्था शुरू की जा रही है. इसमें रेड कोड में मरीज का इलाज तत्काल शुरू हो जाएगा. एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति अस्पताल पहुंचता है तो उसकी स्थिति देखते ही गार्ड तुरंत अलर्ट मोड पर एनाउंस करेगा कोड रेड है. कोड रेड की जानकारी मिलते ही एक्सपर्ट डॉक्टर, नर्स सहित अन्य मेडिकल स्टाफ तत्काल मौके पर पहुंच जाएंगे और बिना किसी देर के इलाज शुरू कर देंगे. जोन में जो डॉक्टर जिसके लिए एक्सपर्ट हैं, वे वहीं काम करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 19:00 IST