सुदेश नैन/चंडीगढ़: रोहतक की बेटी और देश की नंबर वन जूनियर टेबल टेनिस खिलाड़ी सुहाना सैनी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए साउथ अमेरिका के ब्राजील में 2 गोल्ड मेडल जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है. पिछले हफ़्ते पेरू में मिली सफलता के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सुहाना ने इस बार WTT यूथ कंटेंडर टेबल टेनिस चैम्पियनशिप जो ब्राजील के रियो दे जेनेरियो शहर में 28 जून से 1 जुलाई तक आयोजित की गई थी, उसमें 2 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है.
पहला गोल्ड मेडल सुहाना ने अंडर 17 गर्ल्स सिंगल्स में जीता. सुहाना ने अंडर 17 गर्ल्स सिंगल्स के फाइनल में वेल्स की अन्ना हर्सी को कड़े मुकाबले में 2 गेम से पिछड़ते हुए 3-2 (10-12,8-11,11-9,11-9,11-5) से मुकाबला जीता. इससे पहले क्वार्टर फाइनल में सुहाना ने अपनी हम वतन आविषा कर्माकर को 3-0 से और सेमीफाइनल्स में आयरलैंड की सोफ़ी अर्ली को 3-1 से हराया.
दूसरा गोल्ड मेडल सुहाना ने अंडर 19 मिक्स डबल्स में अपने जोड़ीदार अंकुर भट्टाचार्य के साथ मिलकर जीता. उन्होंने फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी पायस जैन और यशस्विनी घोरपड़े को 2-1 से पिछड़ने के बावजूद 3-2 से हराया. सुहाना का मिक्स डबल्स में यह पहला खिताब है.क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने ब्राजील की जोड़ी एबी मईल व विक्टोरियो को 3-0 से हराया.
सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय जोड़ी दिव्यांश श्रीवास्तव व तनीषा की जोड़ी को 3-0 से हराकर फाइनल में स्थान बनाया इससे पहले सुहाना ने पिछले हफ़्ते पेरू में 2 (1 सिल्वर , 1 ब्रॉन्ज) जीता था.माता-पिता बेटी की कामयाबी पर बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद सुहाना का अगला लक्ष्य 17-22 जुलाई से दोहा में एशियन यूथ टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में देश के लिए मेडल जीतना है.
4 साल की उम्र में मां से सीखा टेबल टेनिस खेलना
सुहाना की मां भावना सैनी और पिता विकास टेबल टेनिस की खिलाड़ी रहे हैं. मां खेल विभाग में कोच हैं. सुहाना चार साल की उम्र से ही मां भावना से टेबल टेनिस के गुर सीखने लगी थी. सुहाना ने आठ साल की उम्र में वर्ष 2014 में स्टेट चैंपियनशिप जीती थी. वर्ष 2016 में नेशनल चैंपियनशिप जीती.अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर सुहाना अब तक करीब 100 पदक जीत चुकी हैं.
टॉप्स में हुआ चयन
भारत की टेबल टेनिस सनसनी सुहाना सैनी से खेल मंत्रालय को काफी उम्मीदें हैं. यही कारण है कि अंडर-17 और अंडर-19 वर्ग में देश की नम्बर एक खिलाड़ी का स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) ( Goal Olympic Podium Scheme) के तहत चयन किया है. जिसके तहत खिलाड़ी को हर तरह की सुविधा मिलती है, ताकि वो अपने खेल को बेहतर कर देश का मान बढ़ा सके. सुहाना का सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है.
बेटियों के लिए पेश कर रही मिसाल
कक्षा 12वीं की यह छात्रा महज 16 वर्ष की उम्र में देश की नंबर एक खिलाड़ी बनकर दूसरी बेटियों के लिए मिसाल पेश कर चुकी है. कनार्टक की यशस्विनी घोरपड़े और हरियाणा की सुहाना सैनी दुनिया की नंबर एक जूनियर (अंडर-19) युगल खिलाड़ी हैं. कम उम्र में देश और दुनिया में कई तमगे जीत चुकी हैं. सफलताओं की सूची लंबी है. सुहाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब 40 पदक जीत चुकी हैं. देश को इस होनहार बेटी पर नाज़ है.
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FIRST PUBLISHED : July 3, 2023, 16:57 IST