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Gratuity Quantity Calculation: ग्रेच्युटी एक वित्तीय लाभ है जो पांच साल तक लगातार सेवा देने वाले कर्मचारियों को मिलता है. यह लाभ उन्हीं संस्थानों में लागू होता है जहां 10 या अधिक कर्मचारी हों. रिटायरमेंट के समय अ…और पढ़ें

जानकारी देते सीए प्रदीप हिसारिया
हाइलाइट्स
- ग्रेच्युटी का लाभ पाने के लिए 5 साल एक ही कंपनी में काम जरूरी है.
- ग्रेच्युटी की राशि अंतिम मासिक सैलरी के आधार पर तय होती है.
- ग्रेच्युटी की अधिकतम 20 लाख रुपये तक की राशि टैक्स फ्री है.
कोडरमा. निजी और सरकारी संस्थानों में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी सेवा के बदले में संस्था द्वारा वित्तीय उपहार के रूप में ग्रेच्युटी दी जाती है. सीए प्रदीप हिसारिया ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि किसी भी निजी या सरकारी संस्था में काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ लेने के लिए न्यूनतम पांच साल लगातार एक ही संस्था में काम करना जरूरी होता है. यदि कोई व्यक्ति पांच वर्ष पूरा होने से पहले नौकरी छोड़ता है या संस्था बदलता है तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलता.
उन्होंने बताया कि ग्रेच्युटी का लाभ उन संस्थानों में मिलता है जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत होते हैं और जहां ईएसआईसी की सुविधा उपलब्ध होती है.
कैसे तय होती है ग्रेच्युटी की राशि
प्रदीप हिसारिया ने बताया कि ग्रेच्युटी की राशि कर्मचारी की रिटायरमेंट के समय की अंतिम मासिक सैलरी के आधार पर तय की जाती है. इसमें अंतिम महीने के 15 दिनों की सैलरी को 26 से भाग देकर जितने वर्षों की सेवा की गई है, उससे गुणा किया जाता है. इसके आधार पर कुल ग्रेच्युटी राशि का निर्धारण होता है.
इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान
उन्होंने बताया कि ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाली अधिकतम 20 लाख रुपये तक की राशि इनकम टैक्स से छूट के दायरे में आती है.
लोन के रूप में भी मिल सकती है ग्रेच्युटी
यदि पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद किसी आकस्मिक स्थिति में कर्मचारी को पैसों की जरूरत पड़ती है तो वह ग्रेच्युटी की राशि को लोन के रूप में भी प्राप्त कर सकता है. हालांकि इसका अंतिम सेटलमेंट कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय या कंपनी छोड़ने पर ही होता है.