शुक्रवार 29 मार्च को पूरे विश्व में ईसाई धर्म के लोगों द्वारा गुड फ्राइडे मनाया गया. इसी कड़ी में शिमला के रिज मैदान स्थित क्राइस्ट चर्च में भी गुड फ्राइडे पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमे ईसाई धर्म में मान्यता रखने वाले लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया. ईसाई धर्म के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे.वह शुक्रवार का दिन था. इस दौरान मानवता के कल्याण के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. राजधानी शिमला में मौजूद ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को 1857 में बनाया गया था.आज भी ईसाई धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. पंकज सिंगटा/शिमलाः
क्राइस्ट चर्च शिमला की प्रीस्ट विनीता रॉय ने कहा कि शिमला में गुड फ्राइडे के उपलक्ष पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. जिसमें मानव कल्याण के लिए प्रार्थना की गई. गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यशु की शिक्षाओं का स्मरण किया जाता है. इस दौरान दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक मानव कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई और ईसाई धर्म में मान्यता रखने वाले लोगों ने प्रार्थना सभा में भाग लिया.
क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे
बाइबल के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने अपने प्राण त्यागे, वह शुक्रवार का दिन था. उनकी याद में ही गुड फ्राइडे मनाया जाता हैं. ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है. ईसाई धर्म के लोगों में यह दिन विशेष स्थान रखता हैं. इस दिन ईसा मसीह ने निर्दोष होने के बावजूद भी सलीब पर अपने प्राण त्यागे थे. निर्दोष होने के बावजूद भी उन्होंने सजा देने वालों को दोष नहीं दिया. इसके उलट उन्होंने उन लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना कि और कहा ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर देना, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.’ इसके बाद अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे थे और वह रविवार का दिन था, जिसे ईस्टर सण्डे कहा जाता है.
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FIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 15:38 IST
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