
लोकसभा चुनाव की सियासत।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनाव में अभी भी कुछ ऐसी सीटें हैं, जिसे लेकर सियासी गलियारों समेत राजनीतिक दलों में भी उत्सुकता बनी हुई है। इसी में एक महत्वपूर्ण सीट है कैसरगंज की। इस सीट पर वर्तमान सांसद बृजभूषण शरणसिंह के टिकट को लेकर पेंच फंसा है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी कैसरगंज की सीट पर प्रत्याशी का चयन नहीं कर सकी है। हालांकि सूत्रों की मानें तो हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी अपनी सभी सीटों पर मजबूती टटोल रही है। अगर अगले कुछ दिनों के भीतर बाद हरियाणा की सभी सीटों पर बृजभूषण शरण सिंह को टिकट दिए जाने का कोई असर नहीं दिखेगा, तो जल्द ही बृजभूषण शरण सिंह को ही टिकट दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में सियासी नफा नुकसान के आकलन के साथ इसी सप्ताह कैसरगंज की सीट घोषित की जा सकती है।
बृजभूषण शरण सिंह के टिकट को लेकर सबसे बड़ा पेंच हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के नफा नुकसान पर फंसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी की ओर से दसों सीटों पर टिकट घोषित किए जाने के बाद बृजभूषण शरणसिंह को टिकट देने से नफा नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। चर्चा इस बात की हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार हरियाणा में दसों सीटों के जीतने का दावा कर रहे हैं। अगर पार्टी इस दावे को हकीकत में जमीन पर उतरता हुआ देख रही है, तो इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट पर देखने को मिल सकता है। रणनीतिकारों के मुताबिक अगर हरियाणा की दसों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी अपने अनुमान के मुताबिक जीत का दावा कर रही है, तो बृजभूषण शरण सिंह को टिकट मिलने में कोई दिक्कत नहीं हो सकती। और अगर ऐसा नहीं है तो बृजभूषण शरण सिंह का पार्टी टिकट काट सकती है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हरियाणा में दसों सीटों पर जीत के दावे के साथ पार्टी के रणनीतिकार इस बात का भी आकलन कर रहे हैं कि इस दौरान अगर भारतीय जनता पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को दोबारा टिकट देती है, तो क्या उसका असर चुनाव पर पड़ सकता है। ऐसे में अगर उनकी 10 सीटों के जीत का दावा कमजोर होता हुआ नजर आता है, तो पार्टी कैसरगंज में प्रत्याशी बदल सकती है। यही वजह है कि कैसरगंज सीट के प्रत्याशी के चयन का आकलन हरियाणा की सियासी हवाओं से तय होना माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों के भीतर ही हरियाणा के सियासी नफा नुकसान का आंकलन करने के साथ कैसरगंज की लोकसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।
वहीं गुरुवार को बृजभूषण शरणसिंह ने दिल्ली में टिकट पर पूछे गए मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए रामचरितमानस की चौपाई का उल्लेख किया। उन्होंने कहा “होइहै वहै जो राम रचि राखा”। इसके अलावा बृजभूषण शरण सिंह लगातार कैसरगंज में एक प्रत्याशी की तरह न सिर्फ अपने क्षेत्र की जनता से मुलाकात कर रहे हैं, बल्कि लगातार इलाके में सक्रिय हैं। राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र तिवारी कहते हैं कि अब यह तो भारतीय जनता पार्टी को तय करना है कि कैसरगंज में किसे लड़ाएंगे? लेकिन इलाके में बृजभूषण शरण सिंह की सक्रियता इस बात की तस्दीक करती है कि वह मजबूती से सियासी मैदान में डटे हुए हैं।