बिश्केक3 मिनट पहले
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WFI के खिलाफ रेसलर्स के धरने की अगुवाई करने वाली विनेश फोगाट ने यहां बिश्केक में चल रहे एशियन ओलिंपिक क्वालिफायर में 50 KG वेट कैटेगरी का ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया है। फोगाट बिना कोई अंक गंवाए क्वालिफायर के फाइनल तक पहुंची।
विनेश ने शनिवार को सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लॉरा गनिक्यजी को 10-0 से हराकर पेरिस 2024 ओलिंपिक कोटा हासिल किया। उन्होंने गनिक्यजी के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 4 मिनट 18 सेकंड में मुकाबला जीत लिया। विनेश ने लगातार तीसरे ओलिंपिक के लिए कोटा हासिल किया है। वे 2020 के टोक्यो और 2016 के रियो ओलिंपिक के लिए भी कोटा हासिल कर चुकी हैं।

रियो ओलिंपिक में चोटिल होने के बाद विनेश व्हील चेयर पर राष्ट्रपति से अवॉर्ड लेने पहुंची थीं।
विनेश ने भारत को दूसरा कोटा दिलाया
विनेश ने भारत को पेरिस ओलिंपिक के लिए रेसलिंग का दूसरा कोटा दिलाया है। उनसे पहले अंतिम पंघाल 53 KG में ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं। यह भारत का ओवरऑल 45वां कोटा है।

अंशु मलिक, मानसी और रितिका भी दिला सकती हैं पेरिस का टिकट
पंघाल और फोगाट के अलावा, भारत की अंशु मलिक (57kg), मानसी अहलावत (62kg) और रितिका (76kg) भी ओलिंपिक कोटा हासिल कर सकती हैं। ये तीनों एशियन क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं और फाइनल में पहुंचने पर पेरिस ओलिंपिक का कोटा हासिल कर लेंगी।
3 घंटे के हंगामे के बाद जीता था नेशनल ट्रायल
एक महीने पहले विनेश ने 3 घंटे के हंगामे के बाद नेशनल विमेंस रेसलिंग ट्रायल्स जीता था। उन्होंने 50 KG वेट कैटेगरी में शिवानी पवार को 11-6 से हराया था। वे 53 kg कैटेगरी के सेमीफाइनल में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर अंजू से 0-10 से हार गईं थीं। पढ़ें पूरा विवाद

विनेश फोगाट नेशनल ट्रायल्स के दौरान दो वेट कैटेगरी में हिस्सा ले रही हैं।
4 महीने पहले खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाया था
स्टार रेसलर ने 4 महिने पहले अपना खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा दिया था। उन्होंने 30 दिसंबर 2023 को PM ऑफिस के बाहर कर्तव्य पथ पर अपने अवॉर्ड रख दिए थे। पूरी खबर

डेढ़ साल से विवादों में है इंडियन रेसलिंग
इंडियन रेसलिंग पिछले डेढ साल से विवादों में है। यह विवाद तक शुरू हुआ जब देश के नामचीन पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ मोर्चा खेल दिया। शरण पर रेसलर्स के यौन उत्पीड़न के आरोप भी लगे और खेल मंत्रालय ने WFI की कार्यकारणी को भंग कर दिया।
फिर बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर मैदान पर धरना भी दिया। दोबारा चुनाव होने पर बृजभूषण के करीब संजय सिंह WFI प्रेसिडेंट बने, लेकिन खेल मंत्रालय ने कार्यकारणी को भंग कर एडहॉक कमेटी बना दी। ऐसे में UWW ने भारतीय संघ पर प्रतिबंध लगा दिया। कुछ दिन बाद प्रतिबंध हटा दिया गया। ग्राफिक्स में जानिए कब क्या हुआ…
