
रन फॉर ऑटिज्म
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
ऑटिज्म को चिकित्सा विज्ञान बीमारी या मानसिक विसंगति नहीं मानता बल्कि यह एक न्यूरो बायोलॉजिकल डिसऑर्डर है। ऑटिज्म से लड़ते हुए सामान्य जीवन जीने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से बुधवार शाम को रन फॉर ऑटिज्म का आयोजन किया गया।
संकल्प पीडियाट्रिक रिहैबिलिटेशन सेंटर, जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल और इंदिरा आईवीएफ सेंटर के सौजन्य से ऑटिज्म ग्रस्त लोगों के प्रति भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से 2, 4 और 5 किमी की दौड़ का आयोजन किया गया। जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने हरी झंडी दिखाकर रेस को रवाना किया। दौड़ के माध्यम से समाज एवं जनसामान्य को संदेश दिया गया कि ऑटिज्म बचपन से पनपने वाली विसंगति है। यह वयस्क होने पर भी समाप्त नहीं होती। यह कोई खतरनाक या भयानक विसंगति नहीं है बल्कि इससे ग्रस्त लोगों में बोलने, जवाब देने या त्वरित निर्णय लेने में अटकाव आता है। संकल्प पीडियाट्रिक रिहैबिलिटेशन सेंटर की डॉ. जया एवं डॉ. रुचि ने बताया कि इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन दौड़, कूद, व्यायाम, योग, मनोरंजन साधनों के माध्यम से ऑटिज्म से लड़ते हुए आसान जीवन जिया जा सकता है।