पंकज सिंगटा/शिमलाःशिमला में जाम की समस्या आम हो चुकी है. शिमला के लोगों को रोजाना घर से निकलते ही जाम से दो चार होना पड़ता है. शिमला में अमूमन सुबह 9 से 11 बजे और शाम 5 से 6 बजे तक भारी जाम देखने को मिलता है. वहीं, वीकेंड पर जाम की समस्या लगभग पूरे दिन ही देखने को मिलती है. कभी-कभी तारा देवी(शिमला से करीब 7 किलोमीटर दूर स्टेशन) से शिमला पहुंचने में उतना ही समय लगता है जितना समय चंडीगढ़ से तारा देवी पहुंचने में लगता है. शिमला में जाम से निबटने के लिए शिमला पुलिस अधीक्षक द्वारा वन मीट ट्रैफिक प्लान भी लाया गया था, जो काफी हद तक सफल भी रहा है.
लोकल 18 से बातचीत में जिला शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि शिमला प्रदेश की राजधानी है. जिस कारण यहां प्रदेश के मुख्य कार्यालय, बड़े अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय है. इस कारण ट्रैफिक का फ्लो बहुत अधिक रहता है और जाम की स्थिति पैदा होती है. हमारा विभाग ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बहुत ही सक्रियता से कार्य कर रहा है.
शहर में आने वाले वाहनों की संख्या अधिक
एसपी शिमला ने कहा कि कुछ ऐसे इंडिपेंडेंट फैक्टर्स है, जो पुलिस के नियंत्रण से बाहर है, जिसमे वाहनों की संख्या का बहुत अधिक होना एक मुख्य कारण है. इसके अलावा वाहनों की संख्या के अनुसार शिमला में स्पेस नहीं है, शिमला करीब 7 हजार फीट की ऊंचाई पर है और जैसे जैसे ऊंचाई बढ़ती है तो स्पेस की उपलब्धता भी कम होती जाती है. इसमें एक और बहुत बड़ा फैक्टर समय भी है, सभी कर्मचारी, विद्यार्थी या अन्य कामगार लोग करीब एक ही समय में अपने काम के लिए घर से निकलते है और लगभग एक ही समय में अपने काम से घर के लिए निकलते है. इस कारण एक छोटे से समय में हमे बहुत ज्यादा वाहनों को नियंत्रित करना होता है, जिसे हमारी टीम बखूभी कर भी रही है.
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FIRST PUBLISHED : March 29, 2024, 17:34 IST