मुंबई38 मिनट पहले
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रियल एस्टेट सेक्टर में मुनाफा कमाने के ‘पंच सूत्रों’ पर ’दैनिक भास्कर रियल एस्टेट कॉन्क्लेव- 2024’ में बुधवार को करीब 6 घंटे मंथन हुआ। ‘भारत : रियल एस्टेट में वृद्धि की अगली लहर’ इस थीम पर देशभर से आए डेवलपर्स के साथ रियल एस्टेट सेक्टर के सुप्रसिद्ध दिग्गजों ने मुनाफा कमाने का आइडिया शेयर किया।
पिछले तीन वर्षों के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में 38 प्रतिशत की CAGR ग्रोथ है और यह सेक्टर सरकार को सालाना 2 लाख करोड़ का रेवेन्यू देता है। कॉर्पोरेट गवर्नेंस से डेवलपर्स को 2 प्रतिशत का फायदा इंटरेस्ट रेट में मिल सकता है, यह बात प्रमुखता से इस कॉन्क्लेव में सामने आई।
मिस्त्री बोले- छोटे शहरों में बढ़ेगी कॉमर्शियल रियल एस्टेट की मांग
HDFC के पूर्व वाइस चेयरमैन और CEO केकी मिस्त्री ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में कॉमर्शियल रियल एस्टेट की डिमांड बढ़ने की संभावना जताई। उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस (कॉर्पोरेट प्रशासन) की विस्तार से जानकारी दी। इसका एक बड़ा एडवांटेज बताया कि कैसे इससे 2% का फायदा इंटरेस्ट रेट पर मिल सकता है।
उन्होंने निकट भविष्य में 0.25% ब्याज दर कम होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि मध्यम आय वर्ग (MIG) द्वारा नया घर खरीदने पर सरकार को फिर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री पर देश की अलग अलग करीब 3 हजार अन्य इंडस्ट्री निर्भर हैं।

कॉन्क्लेव में चर्चा करते HDFC के पूर्व वाइस चेयरमैन और CEO केकी मिस्त्री
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के MD बोले- कंज्यूमर ब्रांड को पैसे देने को तैयार
नीलेश शाह (ग्रुप प्रेसिडेंट एंड एमडी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट) ने कहा- रियल एस्टेट सेक्टर का मौजूदा विकास चक्र लंबा चलने की उम्मीद है। कंज्यूमर साइड में प्रीमियमाइजेशन प्रोडक्ट की मांग ज्यादा और मास-मार्केट की कम नजर आ रही है। स्टैंड-अलोन प्रोजेक्ट भी काफी बिकेंगे। मास-मार्केट वैल्यू बेस रहेगा।
जो प्रीमियम साइज प्रोडक्ट हैं उनकी डिमांड ब्रांडिंग के अनुसार होगी, क्योंकि आज कंज्यूमर ब्रांड पर पैसा देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि डेवलपर्स की बॉरोइंग कॉस्ट 2% तक कम हो सकती है कि यदि उसकी ब्रांडिंग सही ढंग से और कंज्यूमर की कंप्लेंट का निवारण करने का तरीका प्रभावी हो।

फंडिंग ऑप्शंस पर चर्चा करतीं ब्रुकफील्ड ग्रुप की अनन्या त्रिपाठी, एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट के एमडी नवनीत मुनोत, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के नीलेश शाह।
HDFC के MD नवनीत मुनोत बोले- डेवलपर्स को बड़ा ही सोचना चाहिए HDFC के MD नवनीत मुनोत ने कहा- एक भुजिया बनाने वाली कंपनी का मार्केट 18 हजार करोड़ रुपए का है और एक अन्य की 70-80 हजार करोड़ रुपए की लिस्टिंग की बात चल रही है। तो जो भवन बना रहे हैं उनका मार्केट और अधिक ही रहने वाला है। इसलिए सभी डेवलपर को बड़ा सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फ्लैट के खरीदार को सात से साढ़े आठ प्रतिशत के दर पर लोन मिल जाता है जबकि उसे बनाने वाले को 15 प्रतिशत दर से भी लोन मिलना मुश्किल होता है। इस गैप को पाटने की जरूरत है।
साइडवेज कंसल्टिंग के फाउंडर बोले- अपना ब्रांड मजबूत रखें
साइडवेज कंसल्टिंग के फाउंडर अभिजीत अवस्थी ने कहा- यदि डेवलपर्स अपने ब्रांड को पहले से तगड़ा बनाकर रखेंगे, तो लोगों के दिलो दिमाग यह बात पहले से बैठी रहती है कि मैं जब यहां घर लूंगा या फिर मेरा जहां ऑफिस होगा, वहां कुछ न कुछ बढ़िया ही होगा। यदि ब्रांड बढ़िया होगा तो लोग अधिक पैसे खर्च करने को भी खुशी खुशी तैयार हो जाते हैं।
लोढ़ा वेंचर्स के चेयरमैन बोले- कंज्यूमर गवर्नेंस में ट्रांसपेरेंसी अहम लोढ़ा वेंचर्स के चेयरमैन अभिनंदन लोढ़ा ने कहा- कॉर्पोरेट गवर्नेंस की तरह ही हमने कंज्यूमर गवर्नेंस में ट्रांसपेरेंसी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पिछले ढाई साल में 5 हजार करोड़ का का माल प्लॉटिंग कर बेचा है, परंतु कहीं भी बर्फी कट प्रॉफिटिंग नहीं की। यही वजह है कि हमने सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को भी प्लाट बेचा परंतु उनसे भी कभी प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं की।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमें पहले एरिया के डेस्टिनेशन को समझा और फिर उसे डेवलप कर उसके कान्सेप्ट को बेचा। ऐसा करने से पहले हमने कस्टमर के मन में आने वाले 5 सवालों का जवाब दिया। इसमें अप्रूवल का क्या होगा, फाइनेंस का क्या होगा, रि-सेल का क्या होगा, बनाएगा कौन और बनाने वाले कोई गलत लोग तो नहीं हैं? जैसे सवालों का समावेश है।

कॉन्क्लेव में लर्निंग्स फ्रॉम रिनॉउंड नेम्स सेशन में लोढ़ा वेंचर्स के अभिनंदन लोढ़ा, दोस्ती ग्रुप के दीपक गोराडिया, प्रेस्टीज ग्रुप के तारिक अहमद और भास्कर समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल।
दोस्ती ग्रुप के चेयरमैन बोले- मार्केट में अत्यधिक पोटेंशियल वाला माहौल
दोस्ती ग्रुप के चेयरमैन और MD दीपक गोराडिया ने कहा- हमने 3800 यूनिट्स बनाए और उसे बेचे और अब हमें आने वाले समय में इस पर 40% के ग्रोथ की उम्मीद है। ऐसे इसलिए क्योंकि मार्केट में अत्यधिक पोटेंशियल वाला माहौल है। पिछले तीन वर्षों के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर में 38% की CAGR ग्रोथ है।
प्रेस्टीज ग्रुप के CEO बोले- दक्षिण भारत में काम किया, अब पश्चिम पर फोकस
प्रेस्टीज ग्रुप के CEO तारिक अहमद ने कहा- हमारा ग्रुप फाइनेंशियल डिसिप्लिन लेकर आगे बढ़ता है। हमने दक्षिण भारत के शहरों और बेंगलुरु में काफी काम किया है। मुंबई में भी काम किया है। प्रेस्टीज ग्रुप भविष्य में अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर सहित महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी काम करने का इच्छुक है। इसके अलावा हम पश्चिमी भारत के टियर 2 शहरों में भी प्रवेश करने वाले हैं।
ब्रुकफील्ड रियल एस्टेट की अनन्या त्रिपाठी बोलीं- टियर 2 शहर कल टियर 1 होंगे
ब्रुकफील्ड रियल एस्टेट ग्रुप की अनन्या त्रिपाठी ने कहा – टियर 2 शहरों में अच्छी ग्रोथ दिख रही है। वहां बड़े पैमाने पर रोजगार भी निर्माण हो रहा है। आज जो शहर टियर 2 कहा जा रहा है, वह भविष्य में टियर 1 बन जाएगा। इंस्टीट्यूशनल कैपिटल निवेश के लिए ग्रेड-ए एसेट महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए वहां सबसे पहले डिमांड होनी चाहिए।
निरंजन हीरानंदानी बोले- मार्केट की डिमांड समझें, फिर डिजाइन बनाएं
हीरानंदानी ग्रुप के निरंजन हीरानंदानी ने देश भर से आए डेवलपर्स को सुझाव दिया कि पहले स्टडी करें फिर मकान की डिजाइन बनाएं। मार्केट की डिमांड को समझना बहुत जरूरी चीज है। जहां एक कमरे के फ्लैट की डिमांड है वहां वन बीएचके वाले फ्लैट बनाने चाहिए। उन्होंने डेवलपर्स को लॉन्ग टर्म का विचार करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर जोर देने का सुझाव दिया।

हीरानंदानी ग्रुप के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर निरंजन हीरानंदानी
सरकार को सालाना 2 लाख करोड़ का रेवेन्यू देता है रियल एस्टेट सेक्टर
दैनिक भास्कर समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने कहा- भारतीय रियल एस्टेट का मार्केट साइज करीब 40 लाख करोड़ रुपए का है। GDP में लगभग 7.3% का योगदान देता है। यह सेक्टर देश में रोजगार देने में नंबर-2 है। रिसर्च से पता चलता है कि रियल एस्टेट सेक्टर प्रतिवर्ष 11% ग्रोथ कर रहा है। यह सेक्टर सालाना स्टाम्प ड्यूटी एंड रजिस्ट्रेशन के माध्यम से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपS का रेवेन्यू देता है।
विक्रम भरवाड़ (अहमदाबाद), संजय गुप्ता (जयपुर), देवेन्द्र चौकसे (भोपाल), अभिषेक झवेरी (इंदौर), आनंद सिंघानिया (राजपुर) और प्रतीक मित्तल (चंडीगढ़) जैसे प्रमुख डेवलपर्स के पैनल डिस्कशन के दौरान एक अच्छा सुझाव निकल कर सामने आया कि देश के सारे शहरों में इस तरह का वर्कशॉप होना चाहिए।