शहर की सड़कों से अतिक्रमण या कब्जे हटाने की व्यवस्था दो हिस्सों में बट चुकी है। यहां की सड़कें खास और आम सड़क में बांट दी गई हैं। जिन सड़कों से मंत्री और अफसर गुजरते हैं, वे तो चौड़ी और कब्जा मुक्त हैं। लेकिन, आम लोगों के आवागमन की सड़कों पर सैकड़ों गुम
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नगर निगम एक दिन कार्रवाई करता है, तो अगले दिन से दोबारा कब्जे हो जाते हैं। ये अतिक्रमण जाम का बड़ा कारण बन चुके हैं। जबकि अधिकारियों की सड़क पर कोई गुमठी या दुकान दिखती भी है तो उसे तत्काल हटा दिया जाता है।
भास्कर ने लिंक रोड नंबर 1, ठंडी सड़क, चार इमली और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के दोनों ओर, भोपाल टॉकीज, जेके रोड, इंद्रपुरी, बीमा अस्पताल समेत अन्य इलाकों की सड़कों पर देखा तो एक ही शहर की सड़कों पर स्थिति ऐसी थी मानों दोनों अलग शहर की हों।
सड़कें… जिनमें अफसरों का भेदभाव साफ नजर आ रहा
लिंक रोड नंबर 1 : इस रोड पर अधिकारियों और राजनेताओं के आवास हैं। इस रोड पर कोई कब्जा नहीं है। पूरी सड़क दूर दूर तक अतिक्रमण मुक्त नजर आती है। कोई अतिक्रमण होता भी है तो तत्काल हटवा दिया जाता है। यही हाल ठंडी सड़क, वल्लभ भवन और चार इमली सड़क का भी है। रानी कमलापति स्टेशन : स्टेशन के दोनों ओर गुमठियां ही गुमठियां दिखती हैं। आईएसबीटी से होशंगाबाद रोड पर प्लेटफार्म 5 के एंट्री और एग्जिट गेट पर लाइन से गुमठियां लगी हुई हैं। गुमठियों के कब्जे के कारण आधी सड़क पर वाहन नहीं चल पाते हैं। इससे आधी सड़क पर धूल जम गई है।
शहरभर से सख्ती से हटा रहे हैं अवैध कब्जे नगर निगम की टीम अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। शहरभर की सड़कों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसके लिए अतिक्रमण अमले को सख्त निर्देश दिए गए हैं। हरेंद्र नारायण, कमिश्नर नगर निगम भोपाल