28 जून को बिहार में हुए 3 जिलों की 6 नगर पंचायत में मुख्य पार्षद, उप-मुख्य पार्षद और पार्षद के उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। नगरपालिका चुनाव में पहली बार मतदाताओं को ई-वोटिंग की सुविधा दी गई।
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वोटिंग के लिए दो एप लॉन्च किए गए। यह सुविधा लेने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन कराना था। चुनाव आयोग के अनुसार ई-वोटिंग के लिए 50 हजार से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। दुबई, कतर जैसे देशों में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने भी एप के जरिए वोटिंग की।
इस चुनाव में 70.20% मतदाताओं ने मोबाइल से वोट दिया। वहीं बूथ वोटिंग 54 फीसदी दर्ज की गई है। ई-वोटिंग करने वालों में विभा कुमारी और मुन्ना कुमार पहले मतदाता बने। विभा देवी ने सुबह 6.53 बजे मतदान कर दिया था, जिसके कारण वो देश की फर्स्ट ई-वोटर बनीं हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने विभा देवी से बातचीत की। उनके इस एक्सपीरियंस के बारे में जाना…
विभा देवी मोतिहारी के पकड़ीदयाल नगर पंचायत वार्ड संख्या 8 में रहती हैं। उन्होंने बताया- ‘वो पांचवीं पास हैं। 8वीं पास सास ने ई-वोटिंग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा था कि, ‘तुम्हारे 2 छोटे बच्चे हैं। बाहर जाकर वोट देने में परेशानी होगी। मैंने न्यूज में देखा है, तुम घर पर रहकर वोट दे सकती हो।’

बहू के लिए सास ने ई-वोटिंग के बारे में पता किया
विभा देवी की सास मीरा देवी ने बताया कि ‘जब भी मैं मोबाइल चलाती हूं, तो न्यूज जरूर देखती हूं। इसके बारे में भी मुझे न्यूज से ही जानकारी मिली थी। मैं अपने पार्षद के पास गई। उनसे मैंने ई-वोटिंग के पूरी जानकारी मांगी। फिर बहू का नाम ई वोटिंग लिस्ट में डालने की जिद की। उन्होंने मेरी बहू का नाम ई-वोटिंग लिस्ट में डलवा दिया।’

विभा देवी ने बताया कि, ‘वोटिंग के दिन पार्षद का बेटा घर आया। उसने फोटो के जरिए वोट दिलवा दिया, लेकिन मेरी बहू जिसे वोट देना चाहती थी, उसे वोट नहीं दे पाई। दोपहर बाद हमें पता चला कि मेरी बहू का वोट गिर गया है और वो देश की पहली ई-वोटिंग महिला बनी है। हमें बहुत खुशी है। पूरा परिवार खुश है।’

