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आरा-बक्सर फोरलेन पर वाहनों के बेलगाम परिचालन की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। इन सड़क हादसों की वजह से लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। इसके बावजूद इसके लोग असावधानी व अनियंत्रित तरीके से वाहनों का परिचालन कर रहे हैं। आरा शहर के पास बामपाली मोड़ से शाहपुर क्षेत्र में बक्सर जिला की सीमा तक फोरलेन से गुजरने वाली वाहनों की तेज रफ्तार का नजारा रहता है। इन सबके बीच अनियंत्रित परिचालन पर ब्रेक लगाने और ट्रैफिक नियमों का पालन कराने का कोई खास इंतजाम नहीं है। कभी-कभी हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर पुलिस का अभियान चलता है। बावजूद इसके कई बाइक सवार बिना हेलमेट के सफर कर रहे हैं। स्पीड पर लगाम के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।
बताया जाता है कि 60 प्रतिशत दुर्घटना तेज रफ्तार के कारण हो रही है। अगर आकंड़ों पर गौर करें तो तेज रफ्तार का शिकार होने वालों में अधिकांश युवा वर्ग शामिल है। शाहपुर एनएच 84 फोरलेन के शाहपुर बिलौटी, शाहपुर अहिरा बाबा मोड़, शाहपुर कुंडेश्वर गांव व शाहपुर बनाही समेत चार से पांच ऐसे क्रॉसिंग बने हैं। जहां लगातार वाहन एक- दूसरे से टकरा रहे हैं। यही पर अधिकांश दुर्घटनाएं होती है। लेकिन इन दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
दुर्घटना संभावित क्षेत्र व वाहन जांच पॉइंट का नहीं लगातार सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा के बावजूद जिले में प्रशासन के द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसी वजह से सड़क दुर्घटना में लोग मौत के गाल में समाते जा रहे हैं। जिले में पिछले एक महीने में हुई ज्यादातर दुर्घटनाओं का कारण तेज गति से गाड़ी चलाना, प्रशासन के द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर दुर्घटना संभावित क्षेत्र व वाहन जांच पॉइंट का नहीं होना बताया जा रहा है। आलम यह है कि ग्रामीण इलाकों में तो शायद ही कोई हेलमेट लगाए चालक दिखता है।