पुणे1 मिनट पहले
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NCP (शरद गुट) ने शनिवार (30 मार्च) को बारामती से सुप्रिया के चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद अजित गुट ने भी सुनेत्रा के नाम की घोषणा कर दी।
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा कि भाजपा शरद पवार को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है। बारामती लोकसभा सीट से उनके खिलाफ भाभी सुनेत्रा पवार को उतारना भाजपा की चाल है।
सुप्रिया ने कहा- सुनेत्रा मेरे बड़े भाई (अजित पवार) की पत्नी हैं और बड़ी भाभी को मां समान माना जाता है। पवार परिवार के अंदर की लड़ाई से भाभी सुनेत्रा के प्रति मेरा सम्मान कम नहीं होगा। वह हमेशा मेरे लिए मां जैसी ही रहेंगी।
NCP अजित गुट ने 30 मार्च को डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा को बारामती से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इसी सीट से NCP शरद गुट ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को टिकट दिया है।
सुप्रिया बारामती से तीन बार की सांसद हैं। उन्होंने पहली बार 2009 में चुनाव जीता था। फिर 2014 और 2019 में यहां से जीत दर्ज की। अजित, शरद पवार के भतीजे हैं। इस रिश्ते से वे सुप्रिया के भाई और सुनेत्रा भाभी हैं।

सुप्रिया बारामती से तीन बार की सांसद है। सुनेत्रा 2024 में पहली बार चुनाव लड़ रही हैं।
बारामती सीट 60 के दशक से पवार परिवार का गढ़
बारामती 1960 के दशक से पवार परिवार का गढ़ रहा है। शरद पवार ने 1967 में पहली बार बारामती से विधानसभा चुनाव जीता था। वे 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 के विधानसभा चुनाव में यहां से लगातार जीते। 1991 से अब तक अजित पवार यहां के विधायक हैं।
शरद 1991, 1996, 1998 और 2004 में बारामती के सांसद रहे। उन्होंने 2009 में अपनी बेटी सुप्रिया को ये सीट सौंप दी थी। पुणे जिले के बारामती लोकसभा क्षेत्र में बारामती, इंदापुर, दौंड, पुरंदर, भोर और खडकवासला विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
कौन हैं सुनेत्रा पवार…

60 साल की सुनेत्रा पवार सोशल एक्टिविस्ट हैं। सुनेत्रा पवार एनवायर्नमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं, जो 2010 में स्थापित NGO है। सुनेत्रा विद्या प्रतिष्ठान के लिए ट्रस्टी के रूप में काम करती हैं। वह 2011 में फ्रांस में विश्व उद्यमिता मंच थिंक टैंक की सदस्य रही हैं।
उनके भाई वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और पूर्व मंत्री पदमसिंह पाटिल हैं। उनके भतीजे राणा जगजीतसिंह पदमसिंह पाटिल उस्मानाबाद से भाजपा के विधायक हैं। उनके बड़े बेटे पार्थ ने मावल से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे।
अजित पवार ने 2023 में चाचा शरद से नाता तोड़ा था
अजित पवार पिछले साल 2 जुलाई 2023 को NCP के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसी दिन शिंदे सरकार में अजित ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद NCP दो धड़ों में बट गई थी। एक गुट अजित पवार और दूसरा शरद पवार का हो गया था।

2 जुलाई 2023 को राजभवन में डिप्टी CM पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार।
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (19 मार्च) को NCP शरद चंद्र पवार के चुनाव चिह्न ‘तुरही बजाता आदमी’ को मंजूरी दे दी। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने NCP अजित गुट की राह थोड़ी मुश्किल कर दी। कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा कि वे सार्वजनिक रूप से विज्ञापन देकर बताएं कि उनके चुनाव चिह्न घड़ी का मामला अदालत में है। पूरी खबर पढ़ें…