नई दिल्ली7 घंटे पहले
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देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी आ चुकी है। ऐसे में सड़क पर चलती या पार्किंग में खड़ी गाड़ियों का ओवर हीट होना स्वाभाविक है। लेकिन, तेज धूप में ड्राइविंग के लिहाज से इस प्रतिकूल मौसम में सेफ्टी और कम्फर्ट दोनों का ख्याल रखना जरूरी है।
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट औरित्रो गांगुली आज ड्राइविंग, पार्किग और फ्यूल से जुड़ी वो 7 जरूरी बातें बता रहे हैं, जिनका ध्यान आपको गर्मियों में रखना चाहिए…
1. गर्मियों में न कराएं टैंक फुल
गर्मी के दिनों में गाड़ी का फ्यूल टैंक कभी भी फुल ना करवाएं यानी इसे 100% न भरवाएं। टैंक में हमेशा कैपेसिटी से करीब 10% फ्यूल कम भरवाएं। क्योंकि, गर्मी में मेटल टैंक के गर्म होने के चलते इसमें प्रोड्यूस होने वाली गैस के लिए कुछ स्पेस होना जरूरी है।

टैंक में हमेशा कैपेसिटी से करीब 10% फ्यूल कम भरवाएं।
2. सन फिल्म्स और हीट रिफ्लेक्टिव सन गार्ड लगवाएं
हमारे देश में ज्यादा डार्क सन फिल्म्स लीगल नहीं हैं, फिर भी बाजार में कुछ ऐसी सन फिल्म्स और हीट रिफ्लेक्टिव सन गार्ड अवेलेबल हैं, जो आप अपनी कार में लगा सकते हैं। इनसे विजिबिलिटी में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन ये कार के अंदर ओवरहीटिंग रोकते हैं। इसे लगाने के बाद आपको कार के भीतर टेंपरेचर में काफी डिफरेंस महसूस होगा।

सन प्रोटेक्टिव फिल्म और हीट रिफ्लेक्टिव गार्ड
3. कार में न रखें लाइटर और परफ्यूम जैसी चीजे
कार के अंदर लाइटर, परफ्यूम, पेट्रोल जैसी कोई भी फ्लेमेबल चीज न रखें। बहुत से लोग कार में लाइटर छोड़ देते हैं। ये लाइटर फट सकते हैं और आपके और आपके परिवार के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसी तरह हैंड सैनिटाइजर और अन्य कोई भी अल्कोहल-बेस्ड लिक्विड फ्लेमेबल प्रोडक्ट को भी कार में रखने से बचें।

कार के अंदर परफ्यूम, सैनिटाइजर जैसी कोई भी अल्कोहल-बेस्ड लिक्विड रखना घातक हो सकता है।
4. कार को छाया में खड़ा करें
अपनी कार को छाया में खड़ा करने की कोशिश करें। पूरी नहीं तो कम से कम से 60% से 70% कार छाया में रहें। इससे कार का मेटल बॉडी कम गर्म होगा और जब आप कार में बैठेंगे तो टेंपरेचर भी कम फील होगा। साथ ही एयर कंडीशनर पर भी कम लोड होगा और यह जल्दी कूलिंग कर पाएगा।

कार को कम से कम से 60% से 70% कार छाया में खड़ी करें।
5. गर्मियों में लंबी दूरी तय करते समय टायरों में कम रखें हवा
गर्मियों में रोड भी काफी गर्म हो जाती है। ऐसे में जब कोई कार उस पर चलती है, तो फ्रिक्शन और हीट के चलते टायरों में हवा का प्रेशर बढ़ जाता है। इससे कार अनसेफ और अनकंफर्टेबल हो जाती है।
इसलिए गर्मियों में लंबी दूरी तय करते समय टायरों में 2 psi प्रेशर कम रखें। बहुत से लोगों को लगता है कि नाइट्रोजन गैस एक बेहतर विकल्प है, लेकिन इसके बेहतर होने के कोई सबूत नहीं हैं। इसलिए सामान्य हवा भी अच्छी है, बस इसे थोड़ा कम रखें।

सामान्य तौर पर टायरों में 32psi से 35psi तक हवा भरा जाता है, लेकिन गर्मियों में लंबी दूरी तय करते समय 2 psi प्रेशर कम रखें।
6. कार की सर्विसिंग जरूर कराएं
गर्मी के पीक पर पहुंचने से पहले अपनी कार की सर्विसिंग जरूर कराना चहिए। गर्मी के दौरान कार बहुत गर्म हो जाती है, ऐसे में बेहतर परफॉर्मेंस के लिए इससे पहले ऑयल चेंज करना जरूरी है। सर्विस में कार के चक्कों की ग्रिजिंग होता है, इससे फ्रिक्शन कम होगा है, और इंटरनल हीटिंग भी कम होगी।
साथ ही कूलेंट को भी टॉप-अप कर लें और यह भी चेक कर लें कि कूलेंट होसेस में किसी तरह का लीकेज तो नहीं है। अगर जरूरत हो तो AC गैस का टॉप-अप भी करवा लें। साथ ही कंप्रेसर ऑइल को भी चेक करवा लेना बेहतर रहेगा।

गर्मी से पहले इंजन ऑयल चेंज करना और चक्कों की ग्रिजिंग जरूर कराएं।
7. कार के टेम्परेचर मीटर पर नजर रखें
कार के ओवर हीटिंग होने का शुरुआती लक्षण तो यह है कि एयर कंडीशनिंग काम करना बंद कर देगा। अपनी कार के टेम्परेचर मीटर पर नजर रखें और यदि लाल सुई या डिजिटल काउंटर 50% से ज्यादा दिखा रहा है तो तुरंत रुककर किसी मैकेनिक को दिखाएं। यदि यह निशान 70% से अधिक है तो गाड़ी बिल्कुल नहीं चलाएं, क्योंकि इससे इंजन को गंभीर नुकसान पहुंच सकता और गाड़ी में आग भी लग सकती है।

गर्मियों में कार के टेम्परेचर मीटर पर नजर रखें। इसे 50% से ज्यादा होने पर मैकेनिक को दिखाएं।