
सत्ता का संग्राम
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अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ प्रदेश के चार लोकसभा क्षेत्रों अलवर, टोंक, जयपुर और सीकर होते हुए चुरू पहुंचा। चाय पर चर्चा के सेशन में यहां मतदाताओं ने क्या मुद्दे उठाए, किन विचारों के साथ वे मतदान करने वाले हैं, जानिये यहां
अमर उजाला के सत्ता का संग्राम रथ के साथ चुरू पहुंची हमारी टीम से चाय पर चर्चा सत्र के दौरान मतदाताओं ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं। मतदाताओं की राय जानने से पहले बता दें कि इस चुनावी सीट का गणित इन चुनावों में बड़ा दिलचस्प हो गया है। दरअसल पिछली लोकसभा में यहां से भाजपा के सांसद रहे राहुल कस्वां इस बार दल बदलकर कांग्रेस में जा पहुंचे हैं और कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी बनाए गए हैं।
ऐसे में अब मतदाता मोदी लहर की तरफ जाते हैं या राहुल को अपना वोट देंगे यही जानने के लिए जब यहां मौजूद पवन सिंह से हमारी टीम ने प्रश्न किया तो उनका कहना था कि मोदी सरकार में एमपी रहे राहुल कस्वां ने मोदी जी के नेतृत्व में यहां अच्छा विकास कार्य करवाया है लेकिन अब कस्वां के पार्टी बदलने के बाद हमारा वोट मोदी नेतृत्व को ही जाएगा।
एक अन्य मतदाता राकेश शर्मा का कहना था कि टिकट कटने के बाद सत्ता के लाभ के लिए पार्टी बदलना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र झाझड़िया को भाजपा ने सोच समझकर ही उम्मीदवार बनाया है और उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। यहीं मौजूद एक मतदाता का कहना था कि जब बार-बार यह बात की जा रही है कि राहुलजी ने विकास करवाया है तो फिर इसके पहले जब उनके पिता रामसिंह जी यहां से सांसद थे तो उनके कार्यकाल में विकास क्यों नहीं हो पाया। यहां का विकास मोदी जी के नेतृत्व में हुआ है।
विधानसभा चुनावों के दौरान सामने आए मतभेदों के चलते राहुल का टिकट कटने के सवाल पर एक मतदाता का कहना था कि ये कोई मुद्दा नहीं है। यहां राजनीतिक सिस्टम के नजरिये से इनकी दुश्मनियां चलती रहती हैं, जिसमें हर कोई अपने को बड़ा बताने की जुगाड़ में लगा है। जनता केवल विकास चाहती है जाति का मुद्दा, सामंतवाद का मुद्दा चलने वाला नहीं है। टिकट कटने से पार्टी बदलने को लेकर राहुल से नाराज मतदाताओं का कहना है इतने सालों से मलाई खाने के बाद इस तरह पार्टी बदलना सही नहीं है।
एक मतदाता का कहना था कि भाजपा ने लोगों के हाथ में झुनझुना पकड़ा दिया है कि कांग्रेस ने 70 साल से कोई विकास नहीं किया। लेकिन भाजपा के कार्यकाल में भी यहां कोई खास विकास नहीं हुआ है। चुरू में पीने के पानी की समस्या जस की तस है लेकिन उस पर कोई बात नहीं करना चाहता। कुछ मतदाताओं का कहना था कि देश के विकास के लिए भाजपा को वोट दे सकते हैं लेकिन स्थानीय तौर पर चुरू में कोई विकास नहीं किया गया है, यह भी सच है।
कुल मिलाकर यहां मतदाता राहुल कस्वां के पार्टी बदलने से नाराज दिखाई दिए। मतदाताओं का कहना था कि जिस विजन के साथ देश का विकास हुआ है उसी को ध्यान में रखते हुए वोट देंगे।