
चर्चा में अपनी बात रखते मतदाता।
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अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ 27 मार्च को राजस्थान के अलवर से अपनी यात्रा शुरू कर चुका है। अलवर, टोंक, जयपुर और सीकर, चुरू होते हुए सोमवार को ये रथ नागौर पहुंचा। यहां चाय पर चर्चा के दौरान हम आप तक लोकसभा क्षेत्र की असल तस्वीर सामने रखेंगे। यहां के मतदाताओं की उम्मीदें क्या हैं और प्रत्याशी किन मुद्दों को लेकर वोटरों के बीच जा रहे हैं। ये सब हम जानने का प्रयास करेंगे।
गांधी चौक पर शुरू हुई चाय पर चर्चा के दौरान केसाराम ने बताया कि कहने को तो हनुमान बेनीवाल ने अपने रिपोर्ट कार्ड में विकास के खूब कार्य बताए थे, लेकिन आंख उठाकर देखें तो ग्रामीण क्षेत्र तो दूर शहर में विकास के नाम पर कुछ नहीं दिखता है।
मोदी जी गारंटी बेकार, बैंक वाले नहीं मानते
अलाउद्दीन ने चर्चा में विकास के नाम पर तंज करते हुए कहा कि विकास तो हुआ है। सड़कें देख लीजिए पता चला जाएगा यहां के विकास के बारे में। प्रधानमंत्री की योजना को भी आधा अधूरा बताते हुए अपना दुखड़ा रोया। प्रधानमंत्री की लोन योजना पर बोले कि जब प्रधानमंत्री खुद गारंटी दे रहे हैं तो बैंक वाले लोन क्यों नहीं देते। अब उम्मीद किसी से नहीं है। वोट देना है वो हम देंगे।
सबसे बड़ी समस्या भूख और बेरोजगारी है
दावे हैं कि राशन बांट रहे। गरीबों का पेट भर रहे हैं। हकीकत इससे कहीं अलग है। असल में गरीब भूखा मर रहा है। राशन लेने जाओ तो पर्ची काटकर टाल देते हैं। बोलते हैं बाद में आना। कुछ तो दस-दस दिन तक चक्कर लगाने के बाद मुश्किल से राशन ले पाते हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या भूख है। बाकी सब तो बाद में सोचेंगे पहले भूख मिटाने के लिए राशन मिल जाए वही बहुत है।