
छात्रों का प्रदर्शन
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सतना जिले में चित्रकूट स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में बीते शनिवार को अधिष्ठाता और प्रोफेसर की प्रताड़ना/अपमान से तंग आकर आदिवासी छात्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। उसके बाद सोमवार को आक्रोशित छात्रों द्वारा ग्रामोदय विश्वविद्यालय गेट के बाहर जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही कुलपति, कृषि संकाय के अधिष्ठाता और प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। सात दिवस के अंदर मांगे न मानी जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।
गौरतलब है कि चित्रकूट स्थित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कृषि संकाय में पढ़ने वाले आदिवासी छात्र माधेश जमरे द्वारा कृषि संकाय के अधिष्ठाता (डीन) प्रो. देव प्रभाकर राय उर्फ डीपी राय और प्रोफेसर पवन सिरोठिया के द्वारा लगातार की जा रही प्रताड़ना और अपमान के चलते बीते शनिवार को अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अधिष्ठाता और प्रोफेसर की रिपोर्ट के आधार पर मृतक छात्र माधेश सहित चार छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर हुए छात्रों के आपसी विवाद/झगड़े को लेकर निष्कासित कर दिया गया था।
वहीं, मृतक छात्र माधेश के परिजनों द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि छात्रों के जिस आपसी झगड़े को लेकर माधेश को विश्वविद्यालय से निष्कासित किया गया था, उस समय मृतक माधेश चित्रकूट में न होकर अपने घर खरगौन में था और अपने बड़े भाई की शादी में सम्मिलित होने के लिए घर आया हुआ था। मृतक माधेश के साथी छात्रों द्वारा बताया गया, हम लोग जब-जब भी अपना निष्कासन समाप्त करवाने के लिए डीन प्रो. देव प्रभाकर राय और प्रोफेसर पवन सिरोठिया के पास जाते थे, तब-तब दोनों के द्वारा हम लोगों के साथ गाली-गलौज की जाती थी और हमें आतंकवादी कहकर प्रताड़ित और अपमानित किया जाता था, जिससे तंग आकर माधेश जमरे द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई।
छात्रों के प्रदर्शन के समय मौजूद छात्र नेता ओमराज तिवारी द्वारा कहा गया कि मृत छात्र माधेश को न्याय दिलाने के लिए आज विश्वविद्यालय गेट पर छात्रों द्वारा प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रभारी कुल सचिव आरसी त्रिपाठी को सौंपकर कुलपति प्रो. भरत मिश्रा, कृषि संकाय के डीन प्रो. देव प्रभाकर राय और प्रोफेसर पवन सिरोठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए जांच की मांग की गई है। अगर सात दिवस के अंदर ज्ञापन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तब छात्रों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जावाबदेही विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। विश्वविद्यालय के प्रभारी कुल सचिव आरसी त्रिपाठी द्वारा कहा गया कि पूरे मामले पर कमेटी गठित कर रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।