
आरोपी गिरफ्तार
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सागर जिले में बिलहरा चौकी के ग्राम महुआखेड़ा में सात मई की रात नौ बजे कुंवर बाई (70) शौच के लिए घर से पास गई थी, जो काफी देर तक लौटकर नहीं आई। परिजनों ने खोजबीन शुरू की, इसी बीच महिला का शव गांव के कुएं में मिला। सूचना मिलने पर बिलहरा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची, जहां कुएं के पास पानी से भरा लोटा और महिला की साड़ी मिली, जिससे पुलिस को मामला संदिग्ध लगने पर सागर से एफएसएल और डॉग स्क्वॉड टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की। पुलिस को महिला के हाथ में पीतल की तीन चूड़ियां मिली, जबकि परिजनों ने चार बताई थी। कुएं के आसपास से पुलिस को एक शर्ट भी मिली थी। घटना दिनांक से ही गांव का बकरी चराने वाला अरविंद पाल पिता बीरबल पाल उम्र 34 साल नहीं दिख रहा था। साथ ही घटना दिनांक को जिन चार लोगों के साथ बैठकर शराब पीने की जानकारी भी मिली थी, उनसे भी पूछताछ की।
इस दौरान तीन लोगों ने घटना स्थल पर मिली शर्ट की पुष्टि की, कि यह शर्ट अरविंद पाल की है, जिस पर पुलिस को उस पर शक हुआ। इसी बीच पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला की मौत सिर में आई चोट से होना पाया गया। पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र सक्रिय किए। इसी बीच पुलिस को अरविंद की लोकेशन जंगल में मिली। पुलिस ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अरविंद ने हत्या करना स्वीकार किया। अरविंद ने बताया, महिला आए दिनों से गालियां देकर भला-बुरा कहती थी, जिससे वह परेशान था। इसी बीच घटना दिनांक को भी महिला ने उसे गालियां दी थी। उसी कारण जब महिला शौच के लिए जा रही थी और अरविंद शराब के नशे में था। मौका मिलते ही महिला का गला दबाया, महिला से छीनाझपटी में उसके चेहरे पर खरोच भी आई, जो महिला ने चिल्लाने की कोशिश की तो आरोपी ने वहीं पर पड़ा पत्थर उठाकर महिला के सिर व चेहरे में मारा और महिला को घसीटकर कुएं में फेक दिया। जो घटना के समय आरोपी शर्ट को कंधे पर डाले हुए था, वह मौके पर गिर गई थी।
आरोपी से पूछताछ पर महिला के हाथ की चूड़ी भी बरामद की गई है, जिसे आरोपी के घर से जब्त किया गया। अरविंद उसे सोने की समझकर घर ले आया था। घटना में प्रयुक्त पत्थर की बरामदगी भी की जा चुकी है। पुलिस ने आरोपी अरविंद पर हत्या साक्ष्य छुपाने के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
बाबा के वेश में फरारी काट रहा सजायाफ्ता हत्यारोपी को पुलिस ने मऊ (इंदौर) से किया गिरफ्तार
सागर के देवरी कला थाना क्षेत्र के ग्राम मछरिया में 33 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किए जाने के बाद साल 2011 से फरार दो वारंटियों में से एक वारंटी को देवरी पुलिस ने इंदौर के पास मऊ रोड जाम गेट के पार्वती मंदिर से गिरफ्तार किया है। देवरी थाना क्षेत्र के ग्राम मछरिया में साल 1991 में खेत में मवेशी घुसने को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें मृतक बाबूलाल पिता चंद्रभान पचौरी 34 साल की उमाशंकर तिवारी एवं प्रभुदयाल पचौरी ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।
इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय एवं हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों के पक्ष में फैसला कर दिया था। इस मामले में फरियादी पक्ष द्वारा उच्चतम न्यायालय दिल्ली में साल 2007 में अपील की गई थी। चार फरवरी 2011 में उच्चतम न्यायालय ने अपील को स्वीकार करते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 20 मई 2011 से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे। उच्चतम न्यायालय द्वारा अनेक बार वारंट जारी किए गए, लेकिन उनकी तामिल में पुलिस द्वारा लापरवाही सामने आने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय एसके शर्मा द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर को पत्र लिखा गया। पुलिस अधीक्षक सागर अभिषेक तिवारी ने हत्या के दोनों आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने और वारंट तामील किए जाने के मामले में थाना प्रभारी देवरी को निर्देश दिये, जिसमें से एक वारंटी को 13 साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, दूसरे की तलाश जारी है।
आरोपियों की पतासाजी के दौरान एक वारंटी प्रभुदयाल पचौरी उम्र 67 साल का सुराग लगने पर पुलिस टीम को इंदौर रवाना किया गया। पुलिस टीम ने मऊ रोड स्थित जाम गेट के पास पार्वती मंदिर में पहुंचकर वहां पुजारी के रूप में नाम बदलकर रह रहे महंत प्रभुदत्त भारती की पहचान के बाद उनके दस्तावेज की जांच के बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की तथा जुर्म कबूल करने पर गिरफ्तार कर लिया।
हत्या का आरोपित प्रभुदयाल ने बताया, बाबूलाल पचौरी की हत्या किए जाने का उन्हें दुख है। वह मेरे परिवार के रिश्तेदार थे और उमाशंकर तिवारी मेरा दोस्त था। दोस्ती के खातिर उन्होंने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था, जिसकी वजह उमाशंकर के खेत में अक्सर मवेशी घुसने से फसलों के नुकसान को लेकर विवाद होता रहता था। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद मेरी पत्नी सरोज रानी 6 माह बाद दुखी होकर खत्म हो गई थी। मेरा एक लड़का है, जो भोपाल में एक फैक्ट्री में काम करता है। हत्या की घटना के कारण उनके पैतृक ग्राम मछरिया में 15 एकड़ जमीन बिक गई और पूरी तरह से बर्बाद हो गया। हत्या को लेकर उसे अफसोस है और बार-बार कहता रहा कि मुझसे यह गलत काम हो गया था, जिसका पश्चाताप करने के लिए वह नर्मदा परिक्रमा करके मंदिर रहकर भगवान की भजन-पूजन में लग गया था।
जब उसे सजा सुनाए जाने की जानकारी मिली, तब से वह फरार होकर नर्मदा परिक्रमा पर निकल गया था और नर्मदा परिक्रमा के बाद इंदौर के पास मऊ रोड स्थित जाम गेट के पार्वती मंदिर में पुजारी के भेष बदलकर जीवन यापन कर रहा था। उसने बताया कि उन्होंने उज्जैन कुंभ में श्री पंच देव जूना अखाड़ा में दीक्षा ली। जहां उनका नाम करण महंत प्रभु दत्त भारती हो गया और वहां के लोग महंत प्रभुदत्त भारती के नाम से जानते हैं।