
राजस्थान लोकसभा चुनाव।
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राजस्थान में पहले चरण के चुनावों में कम वोटिंग को लेकर भाजपा में मंथन चल रहा है। चिंता की वजह भी है, क्योंकि वोटिंग उन सीटों पर सबसे कम रही, जहां भाजपा सबसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही थी। हालांकि वोट प्रतिशत कम रहने की कई वजह हैं, लेकिन बड़े नेताओं की विधानसभाओं में तो कम से कम वोटिंग प्रतिशत ज्यादा रहने की उम्मीद की जा रही थी।
राजस्थान में वोटिंग प्रतिशत में आई भारी कमी के बाद अब भाजपा अलर्ट मोड में आ गई है। दूसरे चरण की 13 सीटों को लेकर अब बूथ मैनेजमेंट का रिव्यू किया जा रहा है।
भाजपा को चिंता इसलिए भी है, क्योंकि पहले चरण में उन विधानसभा और जिलों में कम वोटिंग हुई, जहां से मौजूदा सरकार के नुमाइंदे आते हैं। जयपुर शहर में सांगानेर सीट पर सबसे कम 59.15% वोटिंग हुई है, जबकि यह सीट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का निर्वाचन क्षेत्र है। यही नहीं भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर में भी 52.80% वोटिंग हुई है, जो राजस्थान में धौलपुर-करौली के बाद सबसे कम पोलिंग है।
यही स्थिति सीकर की रही। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के विधानसभा क्षेत्र श्रीमाधोपुर में सीकर में सबसे कम वोटिंग हुई। यहां 48.54% ही वोटिंग हुई। झुंझुनू में भाजपा के प्रत्याशी श्रवण चौधरी ने 2023 में यहां फतेहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। हालांकि वे चुनाव हार गए थे। लोकसभा चुनावों में इस विधानसभा क्षेत्र में 52.2% की वोटिंग हुई, जोकि ओवरऑल झुंझुनू लोकसभा में हुई 57.28% वोटिंग के मुकाबले बहुत कम है।