Wednesday, July 9, 2025
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Remembrance and felicitation ceremony concluded at Manas Bhawan | मानस भवन में संस्मरण एवं सम्मान समारोह संपन्न: सीएम ने प्रतियोगिताओं के विजेताओं का किया सम्मान, कहा-राजनीतिज्ञों के लिये रामचरितमानस आचरण का संविधान – Bhopal Information


मानस भवन भोपाल में 12अगस्त(सोमवार) को युगतुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मन्दाकिनी रामकिंकर दीदी को शॉल,श्रीफल देकर विभूषित किया। इस अवसर पर तुलसी मानस भारती स्मारिक

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राजनीतिज्ञों के लिये रामचरितमानस आचरण का संविधान-सीएम

सीएम ने कहा- रामराज्य की स्थापना के लिए भरत जैसे त्याग की आवश्यकता है। हम राजनीतिज्ञों के लिये रामचरितमानस एक आचरण का संविधान है, जिसके अनुसार चलने पर हम प्रशासन एवं शासन के बीच समन्वय स्थापित करके रामराज्य की स्थापना कर सकते है। कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र लोघी ने भी संबोंधित किया।

इस अवसर पर तात्कालिक प्रतियोगिता में प्रभावी भाषण देने वाली छात्रा कु.सना खान,स्कॉलर होम्स ने अपना भाषण दिया। वहीं तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में माउंट कार्मल स्कूल के वैभव मिश्रा को प्रथम पुरस्कार और निबंध प्रतियोगिता में धानी श्रीवास्तव को द्वितीय पुरस्कार दिया गया।कार्यक्रम में निर्णायक, संयोजन,संचालन, विशेषज्ञों को भी प्रमाणपत्र दिये गये तथा सभी छात्र-छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति पत्र उनके शिक्षकों को प्रदान किये गये है।

इस मौके पर दीदी मंदाकिनी, सीएम डॉ.मोहन यादव, संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र लोधी ने गोस्वामी तुलसीदास एवं पंडित रामकिंकरजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया । समारोह की अध्यक्षता कुलगुरू डॉ.वैद्यनाथ लाभ, सांची विश्वविद्यालय द्वारा की गयी।

कार्याध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कहा कि आप सभी के सहयोग से मानस भवन अपने सभी कार्यक्रम सुचारू रूप से संचालित कर रहा है। दीदी ने अपने आशीर्वचन में सुधी श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में नैतिक क्षरण से हमें बचना होगा और इसके लिए कोई साधन है तो वह अध्यात्म है। जिसको तुलसीदास और युगतुलसी ने हमारे समक्ष रामचरितमानस के माध्यम से रखा है। आपने अध्यात्म विश्वविद्यालय की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके ही माध्यम से हम विश्व में पुनः विश्व गुरू बन सकते है।

कार्यक्रम के संयोजक राजेन्द्र शर्मा, सचिव कैलाश जोशी, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव विश्वेश्वर शुक्ला, नूतन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पंडित रामकिंकर उपाध्याय के संस्मरण भी विद्वानों के द्वारा सुनाये गये। यह सप्त दिवसीय समारोह तुलसी मानस प्रतिष्ठान के पूर्व कोषाध्यक्ष स्वर्गीय माधुरी सरन अग्रवाल की स्मृति को समर्पित है। मंगलवार से शाम 6.30 बजे प्रतिदिन मंदाकिनी दीदी के प्रवचन होंगे।



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