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- RBI Monetary Policy Meeting Live Updates: Repo Rate, RBI Governor Shaktikanta Das
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग का आज यानी शुक्रवार (5 अप्रैल) को आखिरी दिन है। RBI गर्वनर शक्तिकांत दास आज ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट समेत इस मीटिंग में हुए सभी फैसलों का ऐलान करेंगे। यह तीन दिवसीय मीटिंग 3 अप्रैल को शुरू हुई थी। ये वित्त वर्ष 2024-25 की RBI की पहली MPC मीटिंग है। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है।
RBI इस बार भी इंटरेस्ट रेट में नहीं करेगा बदलाव
जानकारों के अनुसार, RBI इस बार भी रेपो रेट यानी इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं करेगा। अभी रेपो रेट 6.50% पर बनी हुई है। RBI ने इससे पहले फरवरी 2024 में हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। यह लगातार छठी बार था, जब RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में ब्याज दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।
RBI की MPC में छह सदस्य हैं। इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों हैं। गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर हैं। शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं।

महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है रेपो रेट
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।
बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।
इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।
इसे उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

RBI ने फरवरी में महंगाई और GDP अनुमान भी जारी किया था
- FY25 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.70% से बढ़ाकर 7% कर दिया है।
- FY25 के लिए RBI ने रिटेल महंगाई का अनुमान 4.50% दिया है।


जानिए महंगाई के आंकड़े क्या कहते हैं?
1. फरवरी में रिटेल महंगाई 5.09%
रिटेल महंगाई फरवरी 2024 में मामूली घटकर 5.09% पर आ गई है। इससे पहले जनवरी 2024 में महंगाई 5.10% रही थी। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है। आदर्श स्थिति में RBI चाहेगा कि रिटेल महंगाई 4% पर रहे।
2. थोक महंगाई दर 0.20% रही थी
थोक महंगाई फरवरी में कम होकर 0.20% पर आ गई है। जनवरी में ये 0.27% रही थी। महंगाई का ये 4 महीने का निचला स्तर भी है। नवंबर में महंगाई 0.26% रही थी। महंगाई में गिरावट आई है, लेकिन खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़े हैं।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।