
सोनिया गांधी सबसे ज्यादा समय तक रही हैं सांसद।
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राजनीति के सुनहरे पन्नों में रायबरेली के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। महिला सशक्तीकरण में भी इसका अपना अलग ही अंदाज है। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण से इतर केंद्र सरकार में रायबरेली संसदीय सीट से सांसद बनी महिलाओं ने फिफ्टी-फिफ्टी का प्रतिनिधित्व किया। यहां से सांसद बनकर इंदिरा गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली तो जग जाहिर है कि सोनिया गांधी ने सुपर पीएम के रूप में काम किया। पिछले 72 साल में महिला सांसदों ने 37 साल तक संसद में रायबरेली की प्रतिनिधित्व किया, जबकि पुरुष सांसदों को 35 साल ही जिले के प्रतिनिधित्व का मौका मिला।
रायबरेली से 1967 में इंदिरा गांधी ने पहली बार जिले से महिला सांसद के रूप में जीत दर्ज की। 1971 के चुनाव में भी वह रायबरेली होकर संसद पहुंचीं। 1977 तक जिले का नेतृत्व करने वाली इंदिरा गांधी ने हार का सामना करने के बाद 1980 में फिर जीतने के बाद सीट छोड़ दी। 1989 तक पुरुषों के जिम्मे रायबरेली संसदीय सीट रही।
1989 में हुए चुनाव में शीला कौल कांग्रेस से जीतीं। 1991 में भी वह सांसद चुनी गईं। 1996 तक उन्होंने रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया। इंदिरा गांधी 10 साल तो शीला कौल सात साल सांसद रहीं। 2004 में पहली बार चुनाव लड़ने आईं सोनिया गांधी 2004 से लगातार सांसद के रूप में जिले का प्रतिनिधित्व करती रहीं।
सोनिया सबसे अधिक 20 साल तक जिले की लगातार सांसद रहीं। 72 साल में जिले से 10 लोग सांसद बनें। इनमें फिरोज गांधी, आरपी सिंह, बैजनाथ कुरील, अरुण नेहरू, राज नारायण, अशोक सिंह और सतीश शर्मा को 35 साल जिले का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इंदिरा गांधी, शीला कौल और सोनिया गांधी ने 37 साल तक केंद्र में रायबरेली की शान बरकरार रखी।