
राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी
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पंजाब के फिरोजपुर में भाजपा ने अपने नेताओं को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी पर विश्वास जताते हुए फिरोजपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इस टिकट की दौड़ में भाजपा के सीनियर नेता सुरजीत ज्याणी भी थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया। सोढ़ी गुरुहरसहाए से कांग्रेस के तीन बार लगातार विधायक रह चुके हैं।
कांग्रेस में खेली मंत्री भी रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने सोढ़ी को फिरोजपुर शहरी हलके से टिकट देकर विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा था, जो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रणबीर सिंह भुल्लर से हार गए थे।
राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बहुत करीबी थे। जैसे ही कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का हाथ थामा था, उसके कुछेक समय बाद सोढ़ी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। सियासी जानकारों के मुताबिक अब भी कैप्टन फिरोजपुर से सोढ़ी को टिकट दिलवाने के लिए अड़े हुए थे। यहां से टिकट के दावेदार सुरजीत ज्याणी, रमिंदर आंवला व सोढ़ी थे।
आंवला की शर्त थी कि जब भाजपा उन्हें टिकट देगी तभी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होंगे, ऐसे नहीं। इसीलिए यहां से प्रत्याशी घोषित करने में देरी हुई थी। कैप्टन सोढ़ी को टिकट दिलवाने के लिए अड़े हुए थे। इसीलिए भाजपा ने अपने सीनियर नेता ज्याणी को नजरअंदाज कर सोढ़ी को टिकट दी है।
अब भाजपा के लिए फिरोजपुर से सीट निकालने के लिए काफी जोर लगाना पड़ेगा। क्योंकि सोढ़ी की भाजपा नेताओं व कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कई नेताओं से मनमुटाव है। जबकि अंदरूनी तौर पर आंवला के कार्यकर्ता गांवों में सरपंचों व अन्य लोगों से मिल रहे थे कि आंवला को टिकट मिलते ही चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे।