गर्मी के मौसम में जंगल के प्राकृतिक जल स्रोत सूखने से वन्य प्राणी रिहायशी इलाकों की तरफ रुख कर रहे हैं। इससे जंगल से सटे गांवों में बाघ और अन्य जंगली जानवरों के आने से लोगों में डर का माहौल है।
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वन विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए हैं। विभाग ने जंगल में 30 सौंसर (जल कुंड) बनवाए हैं और 100 झिरियों की सफाई की है। डीएफओ हेमंत रैकवार के अनुसार, इन जल स्रोतों से वन्य जीवों को जंगल के अंदर ही पानी मिल सकेगा। विभाग हर दो दिन में टैंकर से इन सौंसर में पानी भरवा रहा है।
रेंजर कार्तिकेय शुक्ला ने बताया कि रातापानी की 4 और डिविजन की 10 रेंजों के 152 बीटों में ये सौंसर बनाए गए हैं। सौंसर बनाने के लिए जमीन में कड़ाई की तरह गोल गड्डा खोदा जाता है। इसे सीमेंट-कंक्रीट से पक्का किया जाता है। इससे न तो किनारे की मिट्टी बहती है और न ही पानी जमीन में सोखता है।

बाघ ने गोवंश को फिर बनाया शिकार
औबेदुल्लागंज वन डिवीजन के चिकलोद रेंज की भोजपुर बीट में पिछले 15 दिनों से दो बाघों का मूवमेंट बना हुआ है। जोकी लगातार गोवंश को अपना शिकार बना रहे हैं। बुधवार को बाघ ने भोजपुर स्थित विद्यासागर गौशाला में घुसकर एक बछिया को अपना शिकार बनाया।
यह घटना सुबह 8:30 की बताई जा रही है घटना के बाद से क्षेत्र के पशुपालकों के साथ आम जन भी दहशत में है। पिछले पांच दिनों में बाघ ने इस गौशाला में दूसरी बार गोवंश को अपना शिकार बनाया। इसके पहले बीते सप्ताह शुक्रवार को टाइगर ने एक बछड़े पर हमला कर मार दिया था। घटना के बाद सूचना मिलने पर एसडीम और तहसीलदार के साथ वन विभाग की टीम भी घटना स्थल पर पहुंची।
