
जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने स्थानीय उत्पाद चीणा का भात और फाफरे के पोले और क्षेत्र की स्वादिष्ट राजमा के साथ बद्री गाय की दही मठ्ठा का सेवन किया। चीणा और फाफरा का उत्पादन जनपद के हर्षिल घाटी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होता है। तो वहीं यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है। मुखबा में स्थानीय महिलाओं ने यह पकवान तैयार कर पीएम मोदी को परोसा।

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पीएम मोदी
– फोटो : अमर उजाला

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मुखबा उत्तरकाशी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसके साथ ही वह सीमांत क्षेत्र के स्थानीय पकवान और पंरपरा से भी रूबरू हुए। इसके साथ ही मुखबा गांव में मां गंगा की पूजा अर्चना के बाद पीएम हर्षिल की सुदंर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ यहां की समृद्ध संस्कृति परंपरा से भी अवगत हुए।

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मुखबा में पीएम मोदी
– फोटो : अमर उजाला
पूजा के बाद मोदी को मां गंगा को चढ़ने वाले फाफरे के भोग के साथ ही चीणा के भात दिया गया। इसके साथ ही उन्हें हर्षिल घाटी की स्वादिष्ट राजमा और बद्री गाय की दही और मठ्ठा भी परोसी गया।

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पीएम मोदी
– फोटो : अमर उजाला
इसके लिए मुखबा गांव की चार महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। इसके साथ ही गांव की 22 महिलाओं ने पीएम को स्थानीय लोकनृत्य रासों तांदी से अवगत करवााया।