पंकज सिंगटा/शिमलाः रंगों का त्योहार होली की धूम पूरे देश में मची हुई. इस पर्व को लेकर दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में एक दो दिन पहले ही होली मनाई जा रही है. अमूमन होली पर गाढ़े और केमिकल वाले रंगों को लेकर लोगों में चिंता बनी रहती है. कौन सा रंग लगाएं, जिससे स्किन पर कोई प्रभाव ना पड़े. इसी को देखते हुए शिमला में एक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की तरफ से केमिकल रहित और ऑर्गेनिक रंग बनाया जा रहा है. इनके द्वारा फूलों, फलों और सब्जियों का इस्तेमाल कर हर्बल कलर बनाए गए हैं.
दरअसल, टूटू ब्लॉक की चायली पंचायत के शंकर सेल्फ हेल्प ग्रुप में 12 महिलाएं काम करती है. इसी सेल्फ हेल्प ग्रुप से संबंध रखने वाली कमलेश ठाकुर ने बताया कि उनका स्वयं सहयाता समूह केमिकल रहित और ऑर्गेनिक रंग बनाता है. उनके द्वारा पहली बार यह रंग बनाए गए हैं और लोगों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. उन्होंने करीब 40 किलो रंग बनाया था, जोकि बिक चुका है. इन रंगों को 200 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बेचा जा रहा है. उन्होंने इसकी कीमत के बारे में बताया कि एक पैकेट 20 रुपए मिलता है, जिसका वजन 100 ग्राम होता है.
फूलों से बनते हैं ऑर्गेनिक रंग
कमलेश ठाकुर ने बताया कि उनके द्वारा फूलों, फलों और सब्जियों जैसे बीटरूट, पालक आदि का इस्तेमाल कर ऑर्गेनिक कलर बनाए जाते है. फूलों, फलों और सब्जियों को ग्राइंड करने के बाद छान कर धूप में सुखाया जाता है और थोड़ा बहुत फूड कलर इस्तेमाल करने के बाद कलर तैयार किया जाता है, जिसमें काफी समय लगता है. इसके अलावा, टेलकम पाउडर और फूड कलर का इस्तेमाल करके भी केमिकल रहित रंग बनाए जाते है, जो कम समय में बन कर तैयार हो जाते है. यह सब इको फ्रेंडली रंग है, जिससे कोई भी स्किन की समस्या या इन्फेक्शन नहीं होता है.
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FIRST PUBLISHED : March 24, 2024, 10:01 IST