Saturday, March 15, 2025
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OPD of this illness is growing attributable to severe head damage and neurological dysfunction, this illness is a reason behind concern for fogeys of babies. – News18 हिंदी


रिपोर्ट-राहुल मनोहर
सीकर. बच्चों में एक रोग इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है. ये ऐसा रोग है जिसने अभिभावकों के साथ डॉक्टरों को भी चिंता में डाल दिया है. ये ब्रेन से संबंधित बीमारी है जिसके परिणाम भयावह हो सकते हैं क्योंकि बच्चा कहीं भी गिर या बेहोश हो सकता है. इस गंभीर बीमारी के क्या हैं कारण. कैसे इस पर काबू पाया जा सकता है. इस खबर में पढ़िए पूरी जानकारी.

इन दिनों हॉस्पिटलों में अचानक एक विशेष प्रकार की बीमारी के कैस आ रहे हैं. इसे मिर्गी कहते हैं. डॉक्टरों के अनुसार इन दिनों बच्चों में मिर्गी रोग अधिक बढ़ रहा है. सिर पर गंभीर चोट और न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर इसका प्रमुख कारण हैं. बच्चों के अस्पतालों कुछ दिनों से ओपीडी में रोजाना मिर्गी के दो से तीन मरीज आ रहे हैं.

ओपीडी में मिर्गी के केस बढ़े
डॉक्टरों के अनुसार छोटे बच्चों के माता-पिता के लिए ये बीमारी चिंताजनक है. बचपन में सिर पर गंभीर चोट और आनुवांशिक कारणों से मिर्गी की बीमारी होती है. इसमें नौनिहालों का मानसिक विकास तक रुक जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार अगर माता-पिता दोनों को मिर्गी रोग है तो उनके बच्चे में भी ये बीमारी होने के 10 फीसदी चांस रहते हैं. मिर्गी के करीब 60 प्रतिशत रोगियों में बचपन में ही दौरे आना और बेहोश होने के लक्षण नजर आने लगते हैं. अच्छी बात ये है कि 80 से 90 प्रतिशत मामलों में उम्र बढ़ने के साथ दौरे की समस्या से काफी हद तक निजात पा लेते हैं.

मिर्गी के लक्षण
अक्सर मिर्गी के दौरे सुबह के समय ज्यादा आते हैं. मिर्गी रोग 5 से 15 साल और 70 से 80 साल के बीच अधिक विकसित होता है. जन्मजात ये बीमारी 5 से 10 प्रतिशत मामलों में ही देखी जाती है. मिर्गी का दौरा पड़ने पर शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है. मरीज के हाथ-पैर अकड़ जाते हैं और मरीज जमीन पर गिर जाता है. उसके दांत और जबड़ कस जाते हैं.

जरा से जागरुक हो जाएं
डॉक्टरों का कहना है मिर्गी एक क्रॉनिक नॉन कम्यूनिकेबल बीमारी है. इस बीमारी के प्रति लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है. यही कारण है कि कई लोग मिर्गी का दौरा पड़ने पर दवा के बजाए झाड़-फूंक करवाने लगते हैं. इससे ये बीमारी आगे चलकर और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. समय पर इलाज और लगातार दवाएं लेने से मिर्गी की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.

इलाज से ठीक हो सकती है मिर्गी
मिर्गी होने के कई कारण हैं. डॉक्टरों का मानना है कई बार बच्चे में जन्मजात कमी होती है. कई बार प्रसव के समय ऑक्सीजन की कमी या फिर बचपन में सिर में गंभीर चोट के कारण मिर्गी हो सकता है. आमतौर पर कई बार मिर्गी के इलाज की जरूरत नहीं पड़ती. 60 70 फीसदी मामले दवाओं से ही ठीक हो जाते हैं. लम्बे समय तक दवा लेने से मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है लेकिन कई बार रोगी को जीवन भर दवा लेनी पड़ती है.

Tags: Health and Pharma News, Local18, Sikar news



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