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– फोटो : अमर उजाला
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जालंधर के गदईपुर में पिछले दिनां घर के बेड बॉक्स में मिली लाश मामले में जालंधर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस कमिश्नर संदीप शर्मा ने लाश को विनोद उर्फ नकुल की बताया था लेकिन अब सामने आया है कि शव बरनाला के रहने वाले सेवानिवृत्त आर्मी अफसर योगराज खत्री (50) का था।
पुलिस ने मामले में पकड़ी गई आरोपी हिमाचली देवी की बताई कहानी को सच मान कर पेश कर दिया। आरोपी ने मृतक की पहचान अपने लिव इन पार्टनर विनोद उर्फ नकुल की बताई थी। आरोपी के अनुसार, उसने शराब में जहर देकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद साथी के साथ मिलकर उसका शव ठिकाने लगा दिया। वहीं बरनाला पुलिस भी एक गुमशुदा मामले में जांच करते हुए लाश मिलने वाले घर तक पहुंची तो पूरे केस का खुलासा हो गया। हिमाचली देवी ने योगराज की हत्या क्यों की, इसका पता नहीं चल पाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिमाचली देवी ने हत्या से पहले गदईपुर स्थित कई दुकानों से करीब 30 किलो से ज्यादा नमक खरीदा था ताकि हत्या के बाद लाश गलाई जा सके और बदबू न आए। मगर, ऐसा कुछ नहीं हुआ और बदबू आने लगी। इससे हिमाचली देवी की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई और वह पकड़ी गई।
बरनाला से दो मई को लापता हुआ था योगराज खत्री
दो मई को पूर्व आर्मी ऑफिसर योगराज खत्री का परिवार बरनाला पुलिस के पास गुमशुदगी की शिकायत लेकर पहुंचा। परिवार ने पुलिस को बताया कि योगराज बीते दिन किसी काम से बाहर निकला था। दो से 3 मई तक उसने अपने घर पर दो बार फोन किया। मगर, 3 मई की रात के बाद खत्री का फोन बंद हो गया था। पहले परिवार को लगा कि उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया है। जब योगराज का फोन नहीं आया तो उन्होंने उसे तलाशना शुरू कर दिया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा।
मोबाइल लोकेशन से जालंधर पहुंची बरनाला पुलिस
बरनाला पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने सबसे पहले योगराज की मोबाइल लोकेशन पता करवाई। इस बीच पुलिस को पता चला कि योगराज की आखिरी लोकेशन जालंधर के गदईपुर में स्थित एक घर की है। जब बरनाला पुलिस परिवार के साथ गदईपुर पहुंची तो लोगों ने बताया कि हिमाचली देवी के साथ लोगों ने योगराज को देखा था। इसके बाद बरनाला पुलिस ने लोकल पुलिस ने संपर्क किया। जांच में पता चला कि पुलिस को पहले दिए गए बयानों में हिमाचली देवी ने झूठ बोला था। योगराज के परिवार को शव दिखाया गया तो उन्होंने उसकी शिनाख्त करते हुए कहा कि यह विनोद का नहीं योगराज का ही शव है।