
सीहोर में नेशनल लोक अदालत
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सीहोर जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने किया। लोक अदालत में 1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि रुपये 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 जमा हुई।
प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्त रूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए। आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से लोगों का धन और समय दोनों की बचत के साथ ही आपसी सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते हैं।
कुल 1009 प्रकरणों का किया गया निराकरण
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 खण्ड पीठ गठित की गई, जिनमें आमजन की समस्याओं को सुनकर त्वरित यथोचित निराकरण के निर्देश संबंधितों को दिये गये। नेशनल लोक अदालत में कुल 1009 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 17 करोड़ 15 लाख 21 हजार 78 रुपये जमा हुए हैं।
नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित कुल चार हजार 929 प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 481 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता राशि 15 करोड़ 63 लाख 56 हजार 24 रुपये जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 17 हजार 691 प्री लिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें से 528 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 1 करोड़ 51 लाख 65 हजार 54 रुपये जमा कराई गई।
अलग-अलग रह रहे दंपती खुशी-खुशी साथ लौटे
नेशनल लोक अदालत में अनिल कुशवाह द्वारा अपनी पत्नी झंकार कुशवाह के विरुद्ध कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम हेतु मामला प्रस्तुत किया गया था। दोनों का विवाह 2010 में सम्पन्न हुआ था एवं वर्तमान में उनकी तीन संताने हैं। पति-पत्नी के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक बातों को लेकर मतभेद हो गये, जो कि विवाद में परिवर्तित होकर अलगाव की स्थिति निर्मित हो गई। इस प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा छोटे बच्चों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय ने लोक अदालत में समझाइश के पश्चात दोनों पक्षों ने राजीनामा कराकर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से दंपती की समस्या के निराकरण के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए। इस प्रकरण के राजीनामा करने के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे को फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे।
शिवपुरी लोक अदालत में पति-पत्नी हुए एक, 947 मामलों का हुआ निराकरण
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार शनिवार को जिला मुख्यालय एवं तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर भवन में प्रधान जिला न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय जोगिन्दर सिंह, विशेष न्यायाधीश वंदना जैन, प्रथम जिला न्यायाधीश विवेक शर्मा, जिला न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार त्यागी, षष्टम जिला न्यायाधीश बलराम यादव, चतुर्थ जिला न्यायाधीश डीके सिंह, पंचम जिला न्यायाधीश विवेक पटेल, सप्तम जिला न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता, तृतीय जिला न्यायाधीश विधान माहेश्वरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार बौरासी, जितेन्द्र मेहर, पूजा पाठक बौरासी, अमित प्रताप सिंह, रूपम तोमर, प्रत्यक्षा कुलेश, मिताली वाणी, जिला विधिक सहायता अधिकारी डॉ. वीरेन्द्र कुमार चढ़ार, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ विजय तिवारी, पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता संघ शैलेन्द्र समाधिया, एलडीएम संजय जैन, अरूण शर्मा, डीजीएम विद्युत विभाग, बीमा कंपनी अधिवक्ता दिलीप गोयल, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल आलोक श्रीवास्तव, समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत में जिले में कुल 29 खण्ड पीठों के माध्यम से 947 मामलों का निराकरण हुआ एवं लगभग 1558 से अधिक पक्षकार लाभान्वित हुए। निराकृत मामलों में विचाराधीन मामले 406 एवं प्री लिटिगेशन स्तर के मामले 541 शामिल थे। उक्त निराकृत प्रकरणों में 40133615 रुपये का अवार्ड पारित किया गया।
लोक अदालत में पति-पत्नी हुए एक
एक प्रकरण में जिसमें नीतेश विश्वास ने धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनयम का प्रकरण अपनी पत्नी पार्वती सिकदर को साथ रखने हेतु लगाया था। इसमें युवक बदरवास का एवं युवती केरल की थी। उक्त प्रकरण में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद सोनी तथा नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ क्रमांक 01 के पीठासीन अधिकारी जोगिन्दर सिंह प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय शिवपुरी ने उभयपक्ष के मध्य सुलह कराई गई। इसमें युवक एवं युवती साथ रहने हेतु सहमत हुए। उभयक्ष ने न्यायालय के समक्ष एक-दूसरे को माला पहनाई तथा वे न्यायालय से ही साथ घर गए।