Saturday, March 15, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeStatesMadhya PradeshMP Board Examination Monitoring by way of Cellular App: First State to...

MP Board Examination Monitoring by way of Cellular App: First State to Guarantee Leak-Proof Exams | एमपी में मोबाइल ऐप से बोर्ड एग्जाम की निगरानी: मंडल का दावा- प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षा सेंटर तक मॉनिटरिंग; ऐसा करने वाला पहला राज्य – Madhya Pradesh Information


वॉट्सऐप पर एक पर्चा वायरल होता है और प्रदेश के 18 लाख से ज्यादा स्टूडेंट की टेंशन शुरू हो जाती है कि क्या वाकई पेपर लीक हो गया? क्या फिर से परीक्षा देना पड़ेगी? इस बार मध्यप्रदेश में पर्चा लीक को रोकने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पुख्ता इंतजाम का द

.

इस बार मंडल, प्रिटिंग प्रेस से लेकर परीक्षा केंद्र तक पेपर पहुंचाने के पूरे सिस्टम की मोबाइल ऐप से निगरानी करेगा। इसके जरिए जिले में कलेक्टर और प्रदेश स्तर पर बोर्ड के अफसर एग्जाम से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी की उपस्थिति और उनकी गतिविधियों को रियल टाइम में देख सकेंगे।

इस पूरी कवायद में केंद्राध्यक्ष, उड़न दस्ते के प्रभारी और पर्यवेक्षकों पर सबसे ज्यादा नजर रखी जाएगी। दरअसल, साल 2023 में 10वीं और 12वीं के करीब 8 पर्चे सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इन घटनाओं में केंद्र अध्यक्ष और पर्यवेक्षकों की भूमिका संदेह के दायरे में थी।

अब मंडल के इस बार पेपर लीक रोकने के दावे कितने फुलप्रूफ हैं और पहले लीक हुए पर्चों के अनुभव क्या कहते हैं? संडे स्टोरी में पढ़िए स्टूडेंट के मन में उठने वाले सारे सवालों के जवाब..ं

3 पॉइंट्स से समझें, पिछली बार कहां हुई थीं गड़बड़ियां?

साल 2023 में 10वीं और 12वीं के 8 पेपर लीक हुए थे। ये सभी पर्चे एग्जाम शुरू होने के 30 से 50 मिनट पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। पेपर लीक का ये मामला एक जिले तक सीमित नहीं था। जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए संदेह के दायरे में आने वाले शिक्षक, क्लर्क और चपरासियों समेत 30 लोगों को गिरफ्तार किया था।

इन घटनाओं में केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्षों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई थी। इसके बाद पेपर लीक की जांच के लिए बनी समिति ने पेपर लीक के तीन प्रमुख कारण गिनाए थे।

  • कलेक्टर प्रतिनिधि सेंटर पर नहीं रुके: थानों से पेपर के बॉक्स एग्जाम सेंटर पर परीक्षा से आधे घंटे पहुंचाए जाते हैं। केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और कलेक्टर के प्रतिनिधियों की पेपर पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है। कलेक्टर के प्रतिनिधि पेपर के बॉक्स सेंटर पर छोड़ने के बाद एग्जाम सेंटर पर नहीं रुके और रवाना हो गए।
  • परीक्षा केंद्र पर स्टाफ के मोबाइल बंद हुए या नहीं, किसी ने नहीं देखा: केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों के अलावा टीचर्स और बाकी लोगों को मोबाइल बंद करने की हिदायत थी। ये मोबाइल बंद हुए या नहीं इसे देखने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं था।
  • केंद्राध्यक्ष ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर बॉक्स खोले: परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट पहले केंद्राध्यक्ष को पेपर के बंडल पर्यवेक्षकों को सौंपने के लिए कहा गया था। मगर, जांच में सामने आया कि कई सेंटर्स पर केंद्राध्यक्ष ने तय समय से पहले ही पेपर बॉक्स खोल लिए थे।

अब जानिए इस बार क्या हैं नकल रोकने के इंतजाम?

इस बार पेपर लीक न हो इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दो तरह से इंतजाम किए है। पहला- कलेक्टर प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बढ़ाई है और दूसरा तकनीक का सहारा लिया है। मंडल ने MPBSE.conductofexam.in नाम का मोबाइल ऐप्लिकेशन तैयार किया है। इसके जरिए थानों से लेकर केंद्र तक पेपर पहुंचाने की मॉनिटरिंग की जाएगी।

मंडल के अधिकारियों का दावा है कि देश में इस तरह की तकनीक का पहली बार इस्तेमाल होगा। सिलसिलेवार जानिए ये कैसे होगा-

  • कलेक्टर प्रतिनिधि स्टाफ के मोबाइल सील करेंगे: कलेक्टर प्रतिनिधि थाने से प्रश्नपत्र निकलवाने के बाद केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष के साथ परीक्षा पहुंचकर एग्जाम सेंटर में तैनात शिक्षक, पर्यवेक्षक, स्कूल स्टाफ के मोबाइल फोन बंद कराकर एक अलमारी में सील करेंगे।
  • पेपर के पैकेट एग्जाम हॉल में खोले जाएंगे: परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्रों के बॉक्स खुलने के पहले कलेक्टर प्रतिनिधि देखेंगे कि कंट्रोल रूम या केंद्राध्यक्ष के कक्ष में, प्रश्न-पत्रों के कोई भी पैकेट नहीं खोले जाए।
  • सुबह 10 बजे तक परीक्षा केंद्र पर रहेंगे: कलेक्टर प्रतिनिधि ये देखेंगे कि पेपर का सील्ड बॉक्स केंद्राध्यक्ष सुबह 08:30 बजे के पहले न खोलें। 8.45 मिनट से पहले वो इसे पर्यवेक्षकों को न दें। साथ ही उन्हें परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद यानी 10 बजे तक सेंटर पर ही रहना जरूरी होगा।

5 पॉइंट्स में जानिए मोबाइल ऐप्लिकेशन से कैसे होगी ट्रैकिंग?

  1. कलेक्टर प्रतिनिधि का ऐप पर होगा रजिस्ट्रेशन: कलेक्टर ने जिन अफसरों को प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया है उन्हें सबसे पहले मोबाइल ऐप MPBSE.conductofexam.in पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये प्रक्रिया 15 जनवरी से 20 जनवरी के बीच होगी। इस अवधि के दौरान कलेक्टर प्रतिनिधि के पास मंडल की तरफ से मोबाइल ऐप की लिंक भेजी जाएगी। मोबाइल में ऐप डाउनलोड होने के बाद एक ओटीपी मिलेगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा।
  2. थाने और परीक्षा केंद्र पर जाकर सेल्फी लेना होगी: 20 जनवरी से 25 जनवरी के बीच हर जिले के कलेक्टर प्रतिनिधियों को संबंधित पुलिस थाने और परीक्षा केन्द्र जाकर मोबाइल ऐप के माध्यम से एक सेल्फी लेनी होगी। इस सेल्फी में पुलिस थाने और परीक्षा केन्द्र का नाम और पता स्पष्ट रूप से बैकग्राउंड में दिखाई देना चाहिए।
  3. मोबाइल सील सर्टिफिकेट अपलोड करना जरूरी: परीक्षा वाले दिन भी कलेक्टर प्रतिनिधि को थाने पर पहुंचकर सेल्फी लेकर मोबाइल ऐप पर अपलोड करना जरूरी होगा। परीक्षा केंद्र पर सभी स्टाफ के मोबाइल सील का काम भी कलेक्टर प्रतिनिधि करेंगे। वो इसका एक सर्टिफिकेट बनाएंगे और इसे ऐप पर अपलोड करेंगे।
  4. केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक की अटेंडेंस मार्क होगी: केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों को अपनी लोकेशन और अटेंडेंस इसी मोबाइल ऐप पर मार्क करना होगी। इसके जरिए माध्यमिक शिक्षा मंडल उनकी मॉनिटरिंग कर सकेगा।
  5. उड़नदस्ता प्रभारी ऐप के जरिए लोकेशन मार्क करेंगे: परीक्षा केंद्रों की जांच के लिए बनाए उड़नदस्ता प्रभारी जब किसी सेंटर पर पहुंचेंगे तो उन्हें वहां पहुंचने की टाइमिंग और लोकेशन को ऐप पर मार्क करना होगा। यहां से निकलने के दूसरे सेंटर पर जाने वाली लोकेशन भी मार्क होगी।

केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव कृष्णदेव त्रिपाठी का कहना है कि पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया को जिला स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया है। कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी इनकी नियुक्ति करेगी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) केंद्राध्यक्षों की सूची जिला सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) को भेजेंगे।

यहां से रेंडम चयन प्रक्रिया के जरिए केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। जिन अधिकारियों की पृष्ठभूमि संदिग्ध पाई गई या जो पहले किसी गड़बड़ी में शामिल रहे हैं, उन्हें इस बार नियुक्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, जिन शिक्षकों के बच्चे बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, उन्हें भी केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष नियुक्त नहीं किया जाएगा।

त्रिपाठी के मुताबिक इस बार नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी और कर्मचारी इनका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ मध्य प्रदेश परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जो कर्मचारी गोपनीयता भंग करेंगे, उन्हें भविष्य में परीक्षा ड्यूटी से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

छात्रों के लिए भी प्रोटोकॉल, एक घंटा पहले पहुंचना होगा छात्रों को परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शुरू होने से एक घंटा पहले पहुंचना होगा। परीक्षा हॉल में बैठने का समय आधे घंटे पहले निर्धारित किया गया है। यदि कोई छात्र पांच मिनट की देरी से पहुंचता है, तो उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

  • यदि किसी छात्र को एक विषय में नकल करते हुए पकड़ा गया, तो उसकी उस विषय की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।
  • यदि छात्र एक से अधिक विषयों में नकल करते हुए पाया गया, तो उसकी पूरी परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।
  • सामूहिक नकल (मास कॉपिंग) होने पर सभी छात्रों की परीक्षाएं रद्द कर दी जाएंगी।



Supply hyperlink

khabareaaptak.in
khabareaaptak.inhttps://khabareaaptak.in
Welcome to "khabareaaptak" – your go-to destination for the latest news and updates from around the world. We are committed to bringing you timely and accurate information across various categories, including politics, sports, entertainment, technology, and more.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments