भारत लगातार अपने रक्षा के बेड़े को मजबूत कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की कोशिशों में लगातार सफलताएं मिल रही हैं। अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सफलता की एक और नई इबारत लिखी है। उसने देश की अबतक की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट बनाई है। इसी को लेकर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को बताया कि कैसे रक्षा क्षेत्र लगातार नया मुकाम हासिल कर रहा है।
दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर से जनरल ने रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आधुनिकता और आत्मनिर्भरता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हल्के वाहनों और बुलेट प्रूफ जैकेटों सहित स्वदेशी खरीद कर रही है। इतना ही नहीं, नाइट विजन उपकरणों के माध्यम से भारतीय सैनिकों की रात में लड़ने की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है और संचार प्रणालियों में भी सुधार किया जा रहा है।
आर्मी के उपकरणों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार से मिलने वाले सहयोग के बारे में जनरल पांडे ने कहा, ‘सरकार द्वारा चार चरणों में दी गई आपातकालीन खरीद शक्तियों ने हमें इसके तहत हस्ताक्षरित 18,000 करोड़ रुपये के अनुबंधों के साथ खुद को आधुनिक बनाने में मदद की है। इन उपकरणों का उपयोग अब सीमा पर किया जा रहा है।’
देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित
गौरतलब है, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की एक इकाई ने देश की सबसे हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। जैकेट उच्चतम खतरे के स्तर छह से सुरक्षा प्रदान करेगी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि जैकेट में नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि डीआरडीओ के रक्षा सामाग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, कानपुर ने 7.62 X 54 आर एपीआई गोला बारूद के खिलाफ सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेटप्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में टीबीआरएल, चंडीगढ़ में बुलेटप्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजक्शन) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों में 7.62×54 आर एपीआई (स्नाइपर) के कई हिट (छह शॉट) के खिलाफ मजबूत है।
पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता
बयान के अनुसार, एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ एक मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। ऑपरेशन के दौरान यह पहनने की क्षमता और आराम को बढ़ाता है। रक्षा विभाग के अनुसंधान एवं विकास सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष ने बुलेटप्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए डीएमएसआरडीई को बधाई दी है।
डीआरडीओ ने हाल ही में दो मिसइलों का किया सफल परीक्षण
हाल ही में डीआरडीओ ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) और एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। इनकी लॉन्चिंग ओडिशा के तटीय क्षेत्र चांदीपुर से की गई। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, परीक्षण के दौरान सभी सिस्टम से अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। मिसाइल की निगरानी के लिए आईटीआर ने पूरे उड़ान मार्ग को विभिन्न रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, टेलीमेट्री और कई रेंज सेंसर से लैस कर दिया था। मिशन में भारतीय वायुसेना ने भी सहायत की। सुखोई एसू-30 एमके-1 से भी पूरे उड़ान की निगरानी की गई थी।