Friday, March 14, 2025
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Martyrs’ Day 2025, Mahatma Gandhi Punyatithi 2025, Essay on Mahatma Gandhi: महात्‍मा गांधी पर ऐसे लिखें दमदार निबंध, स्‍कूल-कॉलेज में खूब मिलेगी वाहवाही


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Martyrs’ Day 2025, Mahatma Gandhi Punyatithi 2025, Essay on Mahatma Gandhi in Hindi: आज 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है. इस दिन को शहीदी दिवस कहा जाता है. गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के जरिए भारत के स्व…और पढ़ें

महात्‍मा गांधी पर ऐसे लिखें दमदार निबंध, स्‍कूल-कॉलेज में खूब मिलेगी वाहवाही

Essay on Mahatma Gandhi: महात्‍मा गांधी पर ऐसे लिखें निबंध.

हाइलाइट्स

  • 30 जनवरी को है महात्मा गांधी की पुण्यतिथि.
  • गांधीजी ने स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका निभाई.
  • 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी का निधन हुआ था.

Martyrs’ Day 2025, Mahatma Gandhi Punyatithi 2025, Essay on Mahatma Gandhi in Hindi: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी मोहनदास करमचंद गांधी की आज यानि 30 जनवरी को पुण्‍यतिथि है. हर साल उनकी पुण्‍यतिथि पर कई स्‍कूल कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. आइए आपको बताते हैं कि अगर आपके स्‍कूल में भी इस तरह की कोई प्रतियोगिता हो रही हो, तो आप कैसे बेहतरीन निबंध लिखकर वाहवाही बटोर सकते या निबंध प्रतियोगिता में पहला स्‍थान पा सकते हैं.

Mahatma Gandhi Essay Writing Steps: निबंध लिखने के लिए इन स्‍टेप्‍स को करें फॉलो
महात्‍मा गांधी पर अच्‍छा निबंध लिखने के लिए आपको कुछ स्‍टेप्‍स फॉलो करने होंगे. सबसे पहले आपको निबंध की प्रस्‍तावना लिखनी होगी. जब कोई निबंध लिखा जाता है, तो उसकी प्रस्‍तावना में सबसे पहले संबंधित विषय या व्‍यक्‍ति के बारे में संक्षिप्‍त परिचय दिया जाता है, तो आपको महात्‍मा गांधी पर निबंध लिखने की शुरूआत प्रस्‍तावना से ही करनी होगी. प्रस्‍तावना के बाद आपको महात्‍मा गांधी के जीवन परिचय के बारे में दो तीन पैराग्राफ लिखना होगा. इसमें आप उनके जन्‍म से लेकर उनके कुछ कार्यों का उल्‍लेख कर सकते हैं.निबंध में आगे आपको महात्मा गांधी द्वारा किए गए कार्यों व आंदोलनों के बारे में जानकारी देनी होगी. इसमें आप उनके चंपारण सत्‍याग्रह, अहसयोग आंदोलन, नमक सत्‍याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन आदि के बारे में बता सकते हैं. इन सबके बाद सबसे आखिरी में आपको एक उपंसहार यानि कंक्‍लूजन लिखना होगा. इस तरह आप एक शानदार निबंध तैयार कर सकेंगे.

The way to write Essay on Mahatma Gandhi: ऐसे लिखें निबंध
मोहनदास करमचंद गांधी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. उन्‍हें पूरा देश प्‍यार से बापू के नाम से जानता है. आजादी में उनके योगदान के कारण उन्‍हें ‘राष्ट्रपिता’की उपाधि भी दी गई. आज उनकी पुण्‍यतिथि है. आज ही के दिन यानि 30 जनवरी 1948 को उनका निधन हुआ था. इस दिन बापू को देश दुनिया में याद किया जाता है. यह दिन हमें महात्‍मा गांधी के दिखाए अहिंसा, सत्य और देशभक्ति के रास्‍ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है.

प्रस्‍तावना
मोहनदास करमचंद गांधी ने भारत की आजादी में अग्रणी भूमिका निभाई. उन्‍होंने भारत के लोगों को न केवल स्वतंत्रता की राह दिखाई, बल्कि दुनिया को अहिंसा के भी संदेश दिए. उन्‍होंने देश के हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों को एकजुट करके उनके अंदर आत्‍मनिर्भरता का भाव जगाया. उनकी विचारधारा देश और दुनिया को आज भी प्रेरित करती है.

Mahatma Gandhi Training: महात्‍मा गांधी का का जन्‍म और शिक्षा
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था.मोहनदास अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे. उनके पिता कमरचंद गांधी एक रियासत के दीवान थे. उनकी स्‍कूली शिक्षा पोरबंदर में ही हुई. जब वह स्‍कूल में पढ़ते थे, तभी उनका विवाह महज 13 साल की उम्र में हो गया. 15 साल की उम्र में वह एक पुत्र के पिता बन गए. कुछ समय तक वह मुंबई के एक कॉलेज में पढ़े उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए. तीन साल की शिक्षा के बाद वह बैरिस्‍टर बन गए.

Mahatma Gandhi: महात्‍मा गांधी के विचार
1914 में जब मोहनदास भारत लौटे तो वह देश की आजादी के लिए संघर्ष में जुट गए. फरवरी 1919 में उन्‍होंने अंग्रेजों के बनाए रॉलेट एक्‍ट कानून का विरोध किया और इस तरह उन्‍होंने सत्‍याग्रह आंदोन की शुरूआत की महात्‍मा गांधी ने हमेशा सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाया और उन्‍होंने दुनिया को बताया कि इन्‍ही विचारों के आधार पर कैसे बड़े से बड़े संघर्षों को भी जीता जा सकता है. महात्‍मा गांधी का ‘सत्याग्रह’आंदोलन न सिर्फ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का आधार बना, बल्कि पूरे विश्व के लिए शांतिपूर्ण प्रतिरोध का एक नया तरीका बन गया.

कैसे हुआ महात्‍मा गांधी का निधन
देश की आजादी के बाद 30 जनवरी 1948 को महात्‍मा गांधी को बिड़ला हाउस में प्रार्थना के दौरान गोली मार दी गई. इस दिन साबरमती के संत ने हे राम कहकर दुनिया को अलविदा कह दिया. तब से इस दिन को शहीदी दिवस कहा जाता है.

उपसंहार
महात्‍मा गांधी भले ही इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके विचार व उनके बताए रास्‍ते देश दुनिया को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे.

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महात्‍मा गांधी पर ऐसे लिखें दमदार निबंध, स्‍कूल-कॉलेज में खूब मिलेगी वाहवाही



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