Sunday, June 15, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeEntertainmentMaidan Director Amit Sharma On Conflict with Bade Miyan Chote Miyan |...

Maidan Director Amit Sharma On Conflict with Bade Miyan Chote Miyan | ‘बड़े मियां-छोटे मियां से क्लैश का असर नहीं’: मैदान के डायरेक्टर अमित शर्मा बोले- लोग दोनों फिल्मों को देखेंगे; कहा- कहानी सुन शॉक्ड था


मुंबई1 घंटे पहलेलेखक: आशीष तिवारी

  • कॉपी लिंक

आपने क्रिकेट और हॉकी के तो बहुत खिलाड़ियों और कोच के नाम सुने होंगे, लेकिन इंडियन फुटबॉल को उसका स्वर्णिम युग दिखाने वाले सैयद अब्दुल रहीम को बारे में नहीं जानते होंगे। सैयद अब्दुल रहीम 1952 से लेकर 1962 तक इंडियन नेशनल फुटबॉल टीम के कोच और मैनेजर रहे थे।

इनकी लाइफ पर बनी फिल्म मैदान 10 अप्रैल को रिलीज होगी। अजय देवगन ने सैयद अब्दुल रहीम का किरदार निभाया है। यह फिल्म 2019 में ही बननी शुरू हो गई थी, लेकिन कोविड की वजह से आगे बढ़ती गई। फिल्म के डायरेक्टर अमित शर्मा ने दैनिक भास्कर से फिल्म के बारे में बातचीत की है।

अमित ने कहा कि बड़े मियां-छोटे मियां से क्लैश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दोनों फिल्मों को लोग पसंद करेंगे। अमित ने कहा कि उन्होंने जब सैयद अब्दुल रहीम की कहानी सुनी तो ताज्जुब में खा गए कि आखिर ऐसे शख्स के बारे में लोगों को जानकारी क्यों नहीं है।

कोविड की वजह से चार साल अटकी रही फिल्म
मैदान की शूटिंग 2019 में शुरू हो गई थी, लेकिन इसे रिलीज होने में चार साल से ज्यादा वक्त लग गया। देरी की वजह बताते हुए डायरेक्टर अमित शर्मा ने कहा, ‘हमने अगस्त 2019 में फिल्म की शूटिंग शुरू की थी। 2020 फरवरी तक 65% फिल्म खत्म हो चुकी थी। इसके बाद कोविड ने पूरे देश को अपने चपेट में ले लिया।

हमारे बहुत सारे सीक्वेंस अभी बाकी थे। शूटिंग के लिए विदेशों से प्लेयर्स आने थे, मैचेस वाले कई सीन्स की शूटिंग अटकी थी। फिल्म में VFX का काफी यूज होना था। इसकी वजह से भी काफी देरी हुई।’

अजय देवगन ने फिल्म मैदान में इंडियन फुटबॉल को स्वर्णिम युग दिखाने वाले कोच सैयद अब्दुल रहीम का किरदार निभाया है।

अजय देवगन ने फिल्म मैदान में इंडियन फुटबॉल को स्वर्णिम युग दिखाने वाले कोच सैयद अब्दुल रहीम का किरदार निभाया है।

बजट भी बढ़ गया, सेट तबाह हो गया था
अमित शर्मा ने कहा, ‘कोविड की वजह से फिल्म का बजट भी काफी ज्यादा बढ़ गया था। बीच में साइक्लोन आ गया तो जो सेट साढ़े तीन साल से खड़ा था, वो भी क्षतिग्रस्त हो गया। हमें दूसरा सेट बनाना पड़ गया। इस बीच काफी लोगों ने कहा कि इसे बनाने में इतना टाइम लग रहा है तो बीच में दूसरी फिल्म बना लो। हालांकि मेरा गोल क्लियर था कि एक बार में एक ही फिल्म पर पूरा ध्यान लगाऊंगा।’

बड़े मियां छोटे मियां से क्लैश का असर नहीं
इसका क्लैश अक्षय कुमार और टाइगर की फिल्म बड़े मियां-छोटे मियां से होगा। जाहिर है कि इससे दोनों फिल्मों को कुछ नुकसान हो सकता है। क्या इस क्लैश से बचा जा सकता था? अमित ने जवाब में कहा, ‘यह तो प्रोड्यूसर का कॉल है कि वो अपनी फिल्म कब रिलीज करना चाहता है। वैसे भी दोनों फिल्में ईद पर रिलीज हो रही हैं। ईद पर लंबी छुट्टी है, इसलिए क्लैश के बावजूद दोनों फिल्में अच्छी कमाई कर लेंगी। मैं चाहता हूं कि दोनों फिल्मों को लोग एन्जॉय करें।’

फिल्म की शूटिंग के दौरान की एक तस्वीर।

फिल्म की शूटिंग के दौरान की एक तस्वीर।

सैयद अब्दुल रहीम कौन थे, खुद नहीं थी जानकारी
अमित शर्मा ने कहा कि फिल्म बधाई हो के पोस्ट प्रोडक्शन के वक्त उनके पास बोनी कपूर का कॉल आया था। बोनी ने उन्हें सैयद अब्दुल रहीम की कहानी सुनने को कही। अमित ने कहा, ‘जब बोनी कपूर साहब ने मुझे सैयद अब्दुल रहीम की कहानी सुनने को कही तो मेरा जवाब यही था कि ये कौन हैं। कहानी सुनने के बाद मैंने लोगों से पूछा कि क्या सच में ऐसा हुआ था। अगर ऐसा हुआ था तो अब तक हम लोगों को इसके बारे में कुछ पता क्यों नहीं है।

हम फुटबॉल में इतने अच्छे थे, इसके बारे में हम जानते क्यों नहीं हैं? सैयद अब्दुल रहीम जैसे लोग चाहते थे कि फुटबॉल के जरिए देश का नाम विश्व पटल पर जाना जाए। फिल्म की कहानी 1952 से 1962 के बीच दिखाई गई है। 1952 तक हमारे देश को आजादी मिले सिर्फ चार-पांच साल हुए थे। सैयद अब्दुल रहीम चाहते थे कि किसी न किसी माध्यम से भारत दुनियाभर में जाना जाए, इसके लिए उन्होंने इंडियन फुटबॉल को आगे बढ़ाने का काम किया। अफसोस की बात है कि उनके बारे में हमें आज के पहले कुछ पता नहीं था।’

फिल्म 10 अप्रैल को ईद के मौके पर रिलीज हो रही है।

फिल्म 10 अप्रैल को ईद के मौके पर रिलीज हो रही है।

कीर्ति सुरेश की जगह प्रियामणि कास्ट हुईं
इस फिल्म में पहले साउथ की फेमस एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश भी कास्ट होने वाली थीं। ऐसा क्या हुआ कि उनकी जगह पर प्रियामणि ऑन बोर्ड हुईं। शायद उन्होंने वजन बहुत कम कर लिया था? अमित बताते हैं, ‘मुझे लगा कि कृति उस पर्टिकुलर रोल के लिए फिट नहीं हो रही थीं। वो भी इस बात को समझ गईं। फिर प्रियामणि को हमने कास्ट किया। उन्हें कास्ट करना सफल रहा। उन्होंने फिल्म में इतना जबरदस्त काम किया है, जो मैं बता नहीं सकता।’

गोल्ड और चक दे इंडिया फिक्शनल, लेकिन मैदान रियल स्टोरी बेस्ड फिल्म
मैदान की तुलना फिल्म गोल्ड और चक दे इंडिया से भी की जा रही है, इसे लेकर क्या कहेंगे। अमित ने कहा, ‘गोल्ड और चक दे इंडिया सच्ची घटनाओं पर बेस्ड फिल्में नहीं थीं। मैदान बिल्कुल रियल स्टोरी बेस्ड फिल्म है। कहानी भी बिल्कुल अलग है। उन दोनों फिल्मों से इसका कोई संबंध नहीं है।’

खबरें और भी हैं…



Source link

khabareaaptak.in
khabareaaptak.inhttps://khabareaaptak.in
Welcome to "khabareaaptak" – your go-to destination for the latest news and updates from around the world. We are committed to bringing you timely and accurate information across various categories, including politics, sports, entertainment, technology, and more.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments