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18 दिन पहले
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महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी डॉक्यूमेंट्स के फॉर्मेट में बदलाव किया है। इसके बाद अब सभी सरकारी डॉक्यूमेंट्स जैसे – AADHAR कार्ड, PAN कार्ड, स्कूलों की मार्कशीट और प्रॉपर्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स में मां का नाम रखना जरूरी होगा।
ये फैसला 1 मई 2014 या उसके बाद पैदा हुए सभी लोगों पर लागू होगा। इसे 1 मई 2024 से लागू कर दिया जाएगा।
नए फॉर्मेट में पिता के नाम से पहले होगा मां का नाम
इसका मतलब कि 1 मई 2014 के बाद पैदा हुए लोगों को अपने सर्टिफिकेट्स और डॉक्यूमेंट्स का नया फॉर्मेट फॉलो करना होगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नए फॉर्मेट के हिसाब से जिस व्यक्ति का कोई भी सरकारी सर्टिफिकेट बनना है, उसके नाम के बाद सबसे पहले मां का नाम, फिर पिता का नाम और आखिर में सरनेम लिखा जाएगा।
1 मई 2014 के बाद पैदा हुए लोगों को नए फॉर्मेट से बनवाना होगा सर्टिफिकेट
1 मई 2014 के बाद पैदा हुए सभी लोगों को इसी फॉर्मेट में स्कूल, एग्जाम के सर्टिफिकेट्स, फीस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स और प्रॉपर्टी से जुड़े कागजों में बदलाव करना होगा।
इसके अलावा महाराष्ट्र शासन सार्वजनिक आरोग्य विभाग यानी स्टेट ऑफ पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट केंद्र सरकार से बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट में भी मां का नाम जोड़ने को लेकर बातचीत कर रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक्स पर ट्वीट करके ये जानकारी दी है।
शादीशुदा महिलाओं के लिए नहीं बदलेगा फॉर्मेट
शादीशुदा महिलाओं के लिए सर्टिफिकेट के फॉर्मेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। शादीशुदा महिलाओं के सरनेम में महिला के नाम के बाद उसके पति का नाम लिखा जाएगा।
महाराष्ट्र के महिला बाल विकास विभाग ने इस फैसले पर बात करते हुए कहा है कि हमेशा से किसी भी सरकारी डॉक्यूमेंट पर पिता का नाम लिखा जाता रहा है। इन डॉक्यूमेंट्स पर मां का नाम होने से महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा और सम्मान मिलेगा।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने 18 डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को भी सहमति दी
महाराष्ट्र कैबिनेट ने 18 डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को भी सहमति दी। इसमें मुंबई में 300 एकड़ के एरिया में पार्क और महारष्ट्र से अयोध्या जाने वाले टूरिस्ट के लिए अयोध्या में गेस्टहाउस बनाया जाना भी शामिल है।
कैबिनेट ने आवास विभाग यानी हाउसिंग डिपार्टमेंट के BDD चौल और स्लम में रहने वाले लोगों के लिए स्टैम्प ड्यूटी को कम करने के प्रस्ताव को भी सहमति दी।
इसके अलावा बंद हो चुकी टेक्सटाइल मिल में काम करने वाले 58 मजदूरों और उनके परिवारों के लिए पक्के मकान और रहने की व्यवस्था करने के लिए नए प्लान बनाया गया है।