Sunday, July 20, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeStatesBiharLok Sabha Elections: Lower In Voting Share In Aurangabad; Climate, Vote Boycott;...

Lok Sabha Elections: Lower In Voting Share In Aurangabad; Climate, Vote Boycott; Rjd, Bjp – Amar Ujala Hindi Information Reside


Lok Sabha Elections: Decrease in voting percentage in Aurangabad; weather, vote boycott; RJD, BJP

महिला वोटरों में काफी उत्साह देखा गया।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के प्रथम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े चौंका रहे हैं। हालांकि शत प्रतिशत मतदान और वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए औरंगाबाद जिला प्रशासन ने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। एक तरफ उम्मीदवार जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन पूरे जिले में स्वीप की गतिविधियों के तहत मतदाता जागरूकता रैली, मतदान का संकल्प व शपथ आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे। इतना ही नहीं औरंगाबाद के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने शहर के एक बूथ पर अपना मत डालने के बाद भी वोटर्स खासकर युवाओं से आगे आकर उत्साह के साथ लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने की अपील भी की। इन सबके बावजूद वोटिंग के प्रतिशत के आंकड़े जो कह रहे हैं, उसके कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में इसकी पड़ताल करनी जरूरी है। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के मतदान के प्रतिशत की चर्चा कर लेते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में औरंगाबाद का मतदान प्रतिशत 52.9 था, जो इस बार घटकर 50.2 प्रतिशत पर आ गया। इस बार वोटिंग प्रतिशत में 2.7 की गिरावट आ गई। यह गिरावट किन कारणों से आई इसे हर कोई जानना चाहेगा। 

मौसम का भी हो सकता हैं असर

मतदान प्रतिशत में गिरावट की एक वजह लगनौती मौसम यानी शादी विवाह का मौसम भी हो सकता है। गौरतलब है कि इन दिनों शादी ब्याह का मौसम परवान पर है। किसी के घर में शादी है तो किसी की रिश्तेदारी में शादी है। लिहाजा शादी-ब्याह की रिश्तेदारी भी जरूर निभानी है और इसे निभाने में व्यस्तता और घर से दूर जाना भी जरूरी है। शायद इसी वजह से जिनके घर या रिश्तेदारी में शादी रही होगी, उन घर परिवारों के वोटर्स के व्यस्त रहने के वजह से मतदान से दूरी को लाजमी माना जा सकता है। यदि मतदान के दिन शुक्रवार 19 अप्रैल को औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में मौसम के तापमान की बात करे तो आज का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री से लेकर अधिकतम 41 डिग्री सेल्सियस रहा। जाहिर सी बात है कि जब मौसम का पारा 40 पार होता है तो गर्मी का मौसम बेहद दुखदायी होता है। भयंकर गर्मी और लू के थपेड़े झेलने पड़ते है। लिहाजा यदि वोटरो का भयंकर गर्मी से बचाव के लिए घरों में रहना एक कारण तो जरूर बनता है। शायद इस वजह से भी मतदाता मतदान से दूर रहे जो मतदान के प्रतिशत में गिरावट का एक कारण बन गया। 

चुनाव प्रचार के लिए समय की कमी भी कारण

गौरतलब है कि लोकसभा के प्रथम चरण के चुनाव की अधिसूचना 20 मार्च को जारी हुई। 28 मार्च तक नामांकन हुआ। 30 मार्च को नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा हुई। संवीक्षा में 12 अभ्यर्थियों का नामांकन पत्र रद्द होने के बाद 21 में से मात्र 9 अभ्यर्थी ही चुनाव मैदान में रह गए। वही 2 अप्रैल को अभ्यर्थिता वापस लेने की तारीख के बावजूद किसी अभ्यर्थी द्वारा नाम वापस नही लेने से 9 प्रत्याशी ही मैदान में रहे। इसके बाद चुनाव प्रचार की प्रक्रिया शुरू हुई जो 17 अप्रैल तक चला यानी प्रत्याशियों को अपना चुनाव प्रचार करने के लिए विधिवत रूप से महज 15 दिनों का ही समय मिला। यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 दिन में कोई भी प्रत्याशी अपने क्षेत्र में हर बूथ से जुड़े गांवों या शहर के मतदाताओं से संपर्क नही साध सकता। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 2040 मतदान केंद्र हैं। लिहाजा किसी एक प्रत्याशी के लिए 15 दिनों में इतने बूथों के मतदाताओं से संपर्क सधना संभव नहीं है लेकिन इतना तय है कि उनके समर्थकों ने हर गांव के वोटरो से संपर्क जरूर साधा होगा। वहीं वोटरों के वोट देने के मन मिजाज के बारे में यह बात सर्वविदित है कि वोटर अपने प्रत्याशी को करीब से देखना और सुनना चाहते हैं। यही वजह है कि प्रत्याशी से संपर्क नहीं होने वाले मतदाता मतदान के प्रति उदासीन हो जाते हैं और यह उदासीनता भी वोटिंग के प्रतिशत में कमी का एक कारण हो सकती है।  

वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट के अन्य संभावित कारण

यदि वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट के अन्य कारणों की बात करे तो इसके पीछे मुद्दा विहीनता भी कारण हो सकता है। प्रथम चरण में यह साफ दिखा भी कि भले ही दलो ने अपने घोषणा पत्र जारी किए लेकिन धरातल पर इसकी बातें कम ही हुई। उल्टे दोनों गठबंधनों ने ही एक दूसरे को कोसने और बखिया उघेड़ने का काम किया। स्थानीय मुद्दे प्रायः गौण रहे। लिहाजा मतदान के प्रति वोटरों की उदासीनता और वोट प्रतिशत में गिरावट का यह भी एक कारण हो सकता है। एक्सपर्टस् की यदि मानें तो वें उपरोक्त सभी कारणों से सहमति जताते हैं। 



Supply hyperlink

khabareaaptak.in
khabareaaptak.inhttps://khabareaaptak.in
Welcome to "khabareaaptak" – your go-to destination for the latest news and updates from around the world. We are committed to bringing you timely and accurate information across various categories, including politics, sports, entertainment, technology, and more.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments