
नेताओं से चर्चा
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ शुक्रवार को बिहार के किशनगंज पहुंचा। यहां सुबह चाय पर चर्चा की गई। जबकि दोपहर में युवाओं ने अपने मुद्दे बताए। वहीं, अब अमर उजाला राजनीतिक प्रतिनिधियों से किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के युवाओं के मुद्दों पर सवाल-जवाब कर रहा है।
‘लोग ओवैसी पर भरोसा जता रहे हैं’
एआईएमआईएम नेता शेख साबिर ने कहा कि यहां एआईएमआईएम के लिए लड़ाई एक तरफा है। लोगों के दिलों में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के लिए एक मोहब्बत है, क्यों कि पूरे हिंदुस्तान में अगर आप देखेंगे कि हक और इंसाफ की आवाज अगर कोई बुलंद करता है तो वह बैरिस्टर असदुद्दीन औवैसी साहब हैं। रही बात किशनगंज की तो यहां पर कांग्रेस के जो उम्मीदवार हैं, वह तो अपने क्षेत्र से जीतने के बाद साढ़े चार साल गायब रहते हैं। आखिरी छह महीने में आते हैं और लोगों से वोट तलब (मांगते) हैं कि वोट दे दो, क्योंकि मुसलमान जाएगा कहां। मुसलमान का कोई चारा नहीं है, थक-हार कर वह कांग्रेस में आएगा। लेकिन मुसलमानों के पास सत्तर-पिचत्तर सालों में कोई विकल्प नहीं था। अब विकल्प आ गया है। मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन मुसलमान, दलित, आदिवासी और शेड्यूल कास्ट जो भी हैं वे बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब पर भरोसा जता रहे हैं। इंशाअल्लाह इस बार हम लोग दो लाख वोट के मार्जिन से जीतेंगे।
अपने ही नेता के पार्टी छोड़ने पर दी ये सफाई
साबिर ने पिछली बार एआईएमआईएम के विधायक प्रत्याशी के पार्टी छोड़कर जाने के सवाल को कांग्रेस और जदयू की ओर मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर जाना या न जाना, यह तो आप कांग्रेस और जदयू के लोगों से पूछ सकते हैं। उनकी पार्टी के लोग भी चले जाते हैं। अगर बाप अपने एक अयोग्य बेटे को संभाल नहीं सकता तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष या राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, अपने लोगों को कैसे समझाएंगे। मसला ये है।
एआईएमआईएम ने कांग्रेस पर लगाए ये आरोप
साबिर ने कांग्रेस सांसद पर आरोप लगाते हुए कहा कि जावेद आजाद साहब या कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया। रोड-नाला बनाने की बात तो साधारण और प्राथमिक कार्य है। असल तो जहां ये जाते हैं संसद में, वहां कानून बनाए जाने के दौरान उन्हें कभी मुखर होकर बोलेत हुए नहीं देखा। चाहे वह एएमयू का मामला हो, चाहे महानंदा बेसिन का मामला हो। यह सीमांचल बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। बाढ़ में हजारों गांव विस्थापित हो जाते हैं, लोगों की मृत्यु होती है या गाय-भैंस या जितने भी मवेशी हैं उनकी मौत होती है। लेकिन आज तक हमने नहीं देखा कि उन्होंने संसद में खड़े होकर राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए आवाज भी बुलंद की है। गांधी जी की मूर्ति के सामने बैनर लेकर खड़े हो जाते हैं, ये कोई आवाज बुलंद करने का तरीका नहीं है।
‘ये तमाम चीजें निराधार हैं’
कांग्रेस नेता एडवोकेट इरशाद हयात ने एआईएमआईएम नेता के आरोपों को लेकर कहा कि देखिए इनका सवाल अपनी जगह में जो भी उनके मिजाज या जहन में आया, उन्होंने अपनी बात रखी है। लेकिन ये तमाम चीजें जो उन्होंने कहीं, वह निराधार हैं। क्योंकि एएमयू का मुद्दा जहां तक है ये सिर्फ केंद्र की जो सौतेला व्यवहार है सीमांचल और किशनगंज के साथ ये उसका नतीजा है कि एएमयू हमको नहीं मिल पाया है। इतना ही नहीं अभी चुनावी अखाड़ा अभी तेज है। ऐसे चुनावी माहौल में हमारे जो शीर्ष नेता हैं राहुल गांधी जी, उन्होंने देश के हर सूबे का दौरा किया और पदयात्रा की। उन्होंने देश में नफरत के बाजार को मोहब्बत की ठंडक से बुझाने का काम किया है। हम लोगों ने इस देश को उस नजरिए से नहीं देखा, जिस नजरिए से हमको देखना चाहिए। आज नफरत के बाजार में गर्म होकर के लोग जो जाति और धर्म के नाम पर वोट को बटोरना चाहते हैं। ये इस देश के लिए, यहां के संविधान के लिए-दस्तूर के लिए बेहतर नहीं हो सकता है।
इरशाद ने आगे कहा कि सांसद डॉ. जावेद ने ऐसा कोई भी किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में, आप बिहार में 40 सांसद हुए, 39 एनडीए के रहे और सिर्फ एक बिहार में हमारे गठबंधन के कांग्रेस के सांसद रहे। इन्होंने पूरे सीमांचल में सबसे अधिक सड़कों का काम इन्होंने लाया, सबसे अधिक पुलों का काम इन्होंने करवाया। इन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मशीन लाए और पासपोर्ट बनाने की एक ब्रांच लाए। इसके अतिरिक्त काम हैं जो उन्होंने करवाए।
‘भाजपा की वजह से समस्या की सुनवाई नहीं’
इरशाद ने आगे कहा कि सांसद डॉ. जावेद ने ऐसा कोई भी किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में, आप बिहार में 40 सांसद हुए, 39 एनडीए के रहे और सिर्फ एक बिहार में हमारे गठबंधन के कांग्रेस के सांसद रहे। इन्होंने पूरे सीमांचल में सबसे अधिक सड़कों का काम इन्होंने लाया, सबसे अधिक पुलों का काम इन्होंने करवाया। इन्होंने अस्पताल में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मशीन लाए और पासपोर्ट बनाने की एक ब्रांच लाए। इसके अतिरिक्त काम हैं जो उन्होंने करवाए।
रोजगार और शिक्षा के सवाल पर इरशाद ने कहा कि यहां पर भी नीतीश कुमार की सरकार एनडीए के साथ रही और केंद्र में भी एनडीए की हुकूमत है। इन लोगों ने, ये जो शिक्षा का स्तर आज है हमारे यहां बहुत बेहतर है। लेकिन हमारे यहां कमी जो है तो सिर्फ एएमयू की शाखा की कमी है। हम लोगों ने हर तरह के सवाल यहां भी उठाए, बिहार में भी उठाए और संसद में उठाए। लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऊपर से नीचे तक भाजपा है।
उन्होंने कहा कि अब चुनाव तो इस वक्त हम अपने मुकद्दर का फैसला खुद करेंगे कि हमें कांग्रेस का साथ देना चाहिए या भाजपा का साथ देना चाहिए। हमें बिल्कुल कांग्रेस का साथ देना, क्योंकि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में देश को आजादी दिलवाई, देश को सबसे बड़ा उपहार संप्रभुता दिया। उन्होंने दावा कर कहा कि किशनगंज सीमांचल में अन्य जिलों से बेहतर है। यहां तुलनात्मक रूप से विकास का काम बेहतर हुआ है, जो डॉ. जावेद की देन है।
‘ये संविधान बदल देंगे’
राजद नेता रेहान अहमद ने कहा कि हम लोग मुद्दे की बात करते हैं। मुद्दा हमारा बेरोजगारी है और महंगाई है। बेरोजगार युवा सड़कों पर है, उसके पास नौकरी नहीं मिल रही है और वह लाचार घूम रहा है। हम लोग एक ही संदेश लेकर चल रहे हैं कि किसी भी तरह से हम लोग को केंद्र में देखना है, क्योंकि यह ‘तानाशाह सरकार’ (केंद्र सरकार) चाहती है कि किसी भी तरह वह दोबारा सत्ता में काबिज हो जाए। चार सौ पार का ये नारा लगा रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर ये चार सौ पार कर जाती है तो दो तिहाई अधिक ये हो जाएंगे तो संविधान को सौ प्रतिशत खतरा है। उसके बाद इनको (भाजपा को) किसी सहयोगी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, ये सीधे देश का संविधान बदलने जा रही है। संविधान बदल गया तो आपके मेरे हक-हकूक को कभी भी बदला जा सकता है। वोटिंग का अधिकार छीन सकते हैं भाई।
‘भाजपा नेताओं के संविधान बदलने के बयान गलत’
भाजपा जिला मंत्री जयकिशन प्रसाद ने कहा कि इन लोग (विपक्ष) को संविधान की प्रस्तावना की जानकारी नहीं है, इन्हें अध्ययन कर लेना चाहिए। हमारा भारतीय संविधान बहुत ही अनुपम और अद्वितीय है। भारतीय संविधान की रचना हमारे पूर्वजों ने जो की, उसको इतना सशक्त बनाया कि आज आजादी के पचहत्तरवें वर्ष में हम लोग अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
संविधान बदलने के भाजपा नेताओं के बयान देने को नकारते हुए जयकिशन ने कहा कि हमारे नेता ये कह रहे हैं कि संविधान के प्रति हमने जो श्रद्धा दिखाई और हमने संविधान सभा मनाने की जो शुरुआत की, वह दिखाता है कि हमारी संविधान में कितनी गहरी आस्था है। वहीं, जयकिशन ने भाजपा विधायक तथा सांसदों के ‘चार सौ पार चाहिए संविधान बदलने के लिए’ वाले बयान को नकारते हुए कहा कि हमारी संविधान में गहरी आस्था है।