
स्मृति ईरानी, जीतन राम मांझी और दिनेश यादव निरहुआ।
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धर्म के साथ-साथ सियासत के भी केंद्र में रहने वाली अयोध्या फिर से उसी भूमिका में है। समय बदला, परिस्थितियां बदलीं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या का भूगोल भी बदल गया, लेकिन अयोध्या आज भी सियासत के केंद्र में हैं। इसी के चलते हिंदुत्व की धारा में डुबकी लगाकर सियासी वैतरणी पार करने की चाह रखने वाले प्रत्याशी अयोध्या आकर विजय की कामना से रामलला व हनुमंतला के दरबार में माथा टेक रहे हैं।
लोकसभा चुनाव की बेला में उम्मीदवारों में रामलला के प्रति आस्था एक बार फिर जगी है। चौथे चरण का चुनाव 13 मई व पांचवें चरण का चुनाव 20 मई को होना है, उससे पहले प्रत्याशी अयोध्या पहुंच रहें हैं और रामलला के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं। अमेठी से उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी नामांकन से पहले रामलला व हनुमंतलला के दर्शन किए थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने विगत 23 मार्च को परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। दर्शन के बाद 28 मार्च को उन्होंने पर्चा दाखिल किया था।
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दिल्ली के चांदनी चौक से भाजपा प्रत्याशी प्रवीण खंडेलवाल ने 29 मार्च को रामलला व हनुमानगढ़ी में माथा टेका और रामजी से जीत की प्रार्थना की। बीते मंगलवार को आजमगढ़ से प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भी नामांकन से पहले रामलला का आशीर्वाद लिया था। कैसरगंज से प्रत्याशी करण भूषण सिंह को बृहस्पतिवार को प्रत्याशी बनाया गया।
इसी दिन उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी व रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई व संतों से जीत का आशीर्वाद लिया। फैजाबाद लोकसभा सीट के प्रत्याशी सांसद लल्लू सिंह ने भी नामांकन के एक दिन पहले रामलला व हनुमान जी के दरबार में पूजा-अर्चना कर रामनगरी के मठ-मंदिरों में जाकर संतों से आशीर्वाद लिया था।