
मधेपुरा में नेताओं से चर्चा
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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ शनिवार को बिहार के मधेपुरा पहुंचा। यहां सुबह चाय पर चर्चा में आम मतदाताओं के मुद्दे जाने गए। दोपहर में युवाओं से चर्चा की गई। वहीं, अब नेताओं से आम मतदाताओं और युवाओं के मुद्दों पर सवाल किए जा रहे हैं, जिनका वे जवाब दे रहे हैं।
‘विकास का मतलब तेजस्वी यादव होता है’
मधेपुरा स्थित रासबिहारी हाई स्कूल मैदान में अमर उजाला से बातचीत करते हुए सीपीआई नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि यहां मधेपुरा के विकास का मुद्दा है, यहां मजदूरों और नौजवानों के हो रहे पलायन पर रोक लगाने का मुद्दा है, यहां कृषि आधारित उद्योग लगाने का मुद्दा है, शिक्षा और स्वास्थ्य की उत्तम व्यवस्था का मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि हम इन मुद्दों पर और सामाजिक सद्भाव तथा सामाजिक न्याय के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं। निश्चित तौर पर हमने जनता का विश्वास प्राप्त किया है। सत्रह साल में जो काम नहीं हुआ, हमारी महागठबंधन की सरकार ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लालू प्रसाद जी के मार्गदर्शन में वह हासिल किया है। इसलिए विकास का मतलब तेजस्वी यादव होता है।
‘विकास की लंबी लकीर खींचेंगे’
राजद नेत्री कुमारी विनीता भारती ने कहा कि यहां चुनावी लड़ाई बहुत आसान है, क्योंकि यहां के वर्तमान सांसद चुनाव जीतने के बाद मधेपुरा की जनता के दुख-दर्द को समझने उनके बीच नहीं आए। जनता ने जिस विश्वास से उन्हें जिताया था कि कम से कम हालचाल पूछेंगे, मधेपुरा लोकसभा का विकास होगा। लेकिन दूर-दूर तक कुछ नहीं हुआ।
कुमारी विनीता ने कहा कि राजद के जो प्रत्याशी हैं वह यहां के स्थानीय हैं। लोगों ने ठान लिया है विकास के मुद्दे पर वोट देने का, क्योंकि माननीय तेजस्वी यादव जी ने जो सत्रह महीने में करके दिखाया, युवाओं को रोजगार दिया। जो बचे हैं उन्हें सरकार बनने पर रोजगार दिया जाएगा। रक्षाबंधन पर बहनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक लाख रुपये दिए जाएंगे। चुनाव जीतने के बाद विकास की लंबी लकीर खींचेंगे।
‘नीतीश जी के बेटे को चुनाव नहीं लड़ना है’
जदयू नेता आशीष यादव ने कहा कि विरोधी का काम है विरोध करना, विरोध नहीं करेंगे तो उनका काम भी नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि यहां के वर्तमान सांसद विकास पुरुष हैं। मधेपुरा में बहु प्रतीक्षित ओवरब्रिज है जो अभी बन रहा है। बहुत लंबे समय से मांग थी। एनएच 106, 107 का काम लगभग पूर्ण हो चुका है और कई सारी परियोजनाएं हैं जो धरातल पर हैं।
परिवारवाद पर कटाक्ष करते हुए जदयू नेता ने कहा कि इस समय में यहां नीतीश कुमार जी से बड़ा कोई समाजवादी है नहीं। उनके बेटे को कोई चुनाव लड़ना नहीं है। बाकी लोगों के बेटे को, बहू को और बेटी को चुनाव लड़ना है। हमारे यहां परिवारवाद होता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग (विपक्ष) जात-पात और परिवारवाद पर चुनाव लड़ रहे हैं, विकास के नाम पर नहीं।