Saturday, March 15, 2025
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Listening to Will Be Held In Delhi Excessive Court docket On Petitions Difficult Ban On 23 Breeds Of Canine – Amar Ujala Hindi Information Dwell – Delhi:कुत्तों की 23 नस्लों पर बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होगी सुनवाई, कोर्ट ने कहा


Hearing will be held in Delhi High Court on petitions challenging ban on 23 breeds of dogs

दिल्ली हाईकोर्ट
– फोटो : एएनआई

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दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 23 नस्लों के खूंखार कुत्तों की बिक्री और प्रजनन पर केंद्र के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं अपने पास स्थानांतरित कर लीं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि ये बहुत क्रूर कुत्ते हैं और वे बच्चों का पीछा कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि एक बार जब खंडपीठ मामले को देख लेगी तो एकल न्यायाधीशों के समक्ष लंबित अन्य सभी समान याचिकाएं भी उसके पास आएंगी और एक साथ सुनवाई की जाएंगी।

कोर्ट ने कहा कि एक बार जब डिविजन बेंच मामले को अपने कब्जे में ले लेती है तो ऐसे सभी मामले यहां आने चाहिए। वास्तव में सभी एकल न्यायाधीशों को अपने संबंधित मामले यहां भेजने होंगे। हम मामले की फाइलों को यहां तलब करेंगे। आप अन्य लंबित जनहित याचिका में एक पक्षकार आवेदन दायर करें और हम आपकी बात सुनेंगे। हम इस पर इतनी सारी जनहित याचिकाएं नहीं रख सकते। पीठ ने कहा और कहा कि एक ही मुद्दे पर कई याचिकाएं केवल जटिलताएं पैदा करेंगी और मामले के निपटारे में देरी करेंगी।

पेट लवर्स एसोसिएशन ने केंद्र की 12 मार्च की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी थी कि हितधारकों से परामर्श या आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए बिना 23 कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस पर पीठ ने कहा, ‘हर कुत्ते प्रेमी या कुत्ते के मालिक या एसोसिएशन को एक पक्ष बनाकर नहीं सुना जा सकता, यह असंभव है। यह हमारे निर्देश पर हुआ है। ऐसा नहीं हो सकता है कि हम केंद्र सरकार को जांच करने का निर्देश दें और फिर हम कहें कि केंद्र सरकार ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकती। हम इसे देखेंगे और जांच करेंगे।’

खंडपीठ ने कहा कि उसने पहले ही इसी तरह की जनहित याचिका पर नोटिस जारी कर दिया है और मौजूदा याचिका का निपटारा कर दिया है, जिससे याचिकाकर्ता संगठन को उस मामले में पक्षकार या हस्तक्षेप आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता मिल गई है। पीठ ने इसी मुद्दे पर एकल न्यायाधीशों के समक्ष लंबित याचिकाओं को भी अपने पास स्थानांतरित कर लिया और मामले को नौ अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।



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