Monday, July 14, 2025
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Leaving Party Campaign In Lok Sabha Elections Gehlot, Vasundhara And Kamal Nath Started Making Their Sons Mps – Amar Ujala Hindi News Live


Leaving party campaign in Lok Sabha elections Gehlot, Vasundhara and Kamal Nath started making their sons MPs

सियासी रण।
– फोटो : अमर उजाला

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राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने जोर लगा रखा है। दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेता लगातार प्रदेश के दौरे करते हुए नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, वीके सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी राजस्थान में चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं। लेकिन प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री इन चुनावों में ज्यादा मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के बेटे भी चुनाव मैदान में हैं। ये दोनों ही पूर्व सीएम अपने अपने बेटे को चुनाव जिताने में पूरा जोर लगा रहे हैं। इसके अलावा पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए लगातार छिंदवाड़ा में कैंप किए हुए हैं। 

राज्य की झालावाड़ लोकसभा सीट से दुष्यंत सिंह मैदान में हैं। दुष्यंत पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बेटे हैं। अपने बेटे को रिकॉर्ड मतों से जिताने के लिए राजे ने अपना पूरा ध्यान झालावाड़ लोकसभा सीट पर लगाया हुआ हुआ है। हालांकि वे पार्टी की स्टार प्रचारक भी हैं, लेकिन अन्य सीटों पर उनकी उपस्थिति न के बराबर ही नजर आ रही है। राजस्थान भाजपा की तरफ से भी राजे के प्रचार प्रसार का कार्यक्रम जारी नहीं किया जा रहा है। जबकि अन्य नेताओं के कार्यक्रम पार्टी की ओर से जारी किए जा रहे हैं। स्टार प्रचारक होने के बावजूद अभी तक राजे का कोई कार्यक्रम झालावाड़ से बाहर का नहीं बना है। वे लगातार अपने बेटे के लोकसभा क्षेत्र में अलग-अलग गांवों का दौरा करके दुष्यंत सिंह के लिए समर्थन मांग रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा के कई राष्ट्रीय नेता प्रदेश में चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं, लेकिन राजे किसी भी बड़े नेता के मंच पर अभी तक नजर नहीं आईं हैं। दुष्यंत सिंह पिछले 20 साल से झालावाड़ लोकसभा सीट से सांसद हैं। दुष्यंत सिंह वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2004 में पहली बार सांसद चुने गए थे। पिछले 35 साल से इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। राजे वर्ष 1989 में इस सीट से पहली बार सांसद चुनी गईं। इसके बाद से लगातार पांच बार वे सांसद रहीं।

इधर, दूसरी तरफ कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत इस बार जालोर सिरोही लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। वैभव ने 2019 का लोकसभा चुनाव जोधपुर सीट से लड़ा था। लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत से वे दो लाख से ज्यादा मतों से हार गए थे। इस बार भी शेखावत जोधपुर से ही मैदान में हैं। लेकिन वैभव ने अपनी सीट बदल ली। जालौर सिरोही लोकसभा क्षेत्र में माली समाज के वोटर्स की संख्या ज्यादा है। जातिगत समीकरण को देखते हुए इसलिए वैभव गहलोत को जालौर से चुनाव मैदान में उतारा गया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत लगातार जालौर में ही व्यस्त हैं। हाल ही में वैभव गहलोत के समर्थन में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चुनावी सभा की थी।

वैभव गहलोत का प्रचार उनकी पत्नी और बेटी भी कर रही हैं। हाल ही में वे माली समाज के कार्यक्रम में शामिल हुई वैभव गहलोत की पत्नी हिमांशी गहलोत ने कहा कि जालौर में माली समाज के मतदाता ज्यादा हैं। ऐसे में यहां से वैभव गहलोत को जीतना जरूरी है। अगर जालौर से भी वैभव गहलोत चुनाव नहीं जीत पाए, तो आगे से कोई भी पार्टी माली समाज के बेटे को टिकट नहीं देगी। अगर वैभव गहलोत चुनाव हार गए, तो जोधपुर और जयपुर के लोग यही कहेंगे कि माली समाज ने अपने बेटे को ही चुनाव नहीं जिताया। समाज के लोगों से मार्मिक अपील करते हुए हिमांशी गहलोत ने अपने पति को चुनाव जिताने की अपील की है।

मध्यप्रदेश: कमलनाथ अपने बेटे के लिए कर रहे प्रचार

मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए प्रचार करते हुए नजर आ रहे हैं। कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ और बहू प्रिया नाथ भी में नकुल नाथ के लिए प्रचार करने के लिए पसीना बहा रही हैं। कमलनाथ का पूरा परिवार अकेले ही इस सीट पर चुनाव प्रचार में लगा हुआ है। कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता नकुल नाथ के प्रचार के लिए छिंदवाड़ा नहीं आया। कमलनाथ ने बेटे के लिए रात-दिन छिंदवाड़ा में कैंप किए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने उनके कार्यकाल में किए विकास कार्य गिनाए और इमोशनल कार्ड खेला है। जनसभाओं में उन्होंने कहा मैंने अपनी जवानी छिंदवाड़ा के लिए समर्पित की है। मेरी आखिरी सांस यहां के लिए है। नकुलनाथ भी लगातार भावनात्मक अपील कर रहे हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट पर करीब 300 से ज्यादा छोटी बड़ी चुनावी सभाएं कर चुके हैं।

इस सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के खिलाफ भाजपा ने विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा था। विवेक बंटी साहू ही नकुलनाथ के खिलाफ फिर मैदान में हैं। छिंदवाड़ा सीट जीतने के लिए भाजपा ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस सीट की सभी सात विधानसभा क्षेत्र को लेकर अलग-अलग रणनीति बनाई और उस पर काम किया। इसके अलावा कमलनाथ को कमजोर करने के लिए उनके करीबियों को भी भाजपा में शामिल किया गया।

पिछले 12 लोकसभा चुनाव में से 11 बार कमलनाथ या उनके परिवार के सदस्य ही छिंदवाड़ा से जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं। सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को पटकनी दी थी। छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ नौ बार, उनकी पत्नी अलका नाथ एक बार और पुत्र नकुल नाथ भी एक बार सांसद रह चुके हैं। नकुलनाथ दूसरी बार फिर मैदान में हैं।



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