कोटपुतली जिले में बोरवेल में फंसी चेतना को निकालने के लिए चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन.करीब 40 घंटे से चेतना बोरवेल में फंसी हुई है.
कोटपुतलीः राजस्थान के कोटपूतली के कीरतपुरा गांव में बोरवेल में फंसी मासूम चेतना अभी तक बाहर नहीं निकल पायी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के हाथ खाली हैं.चेतना को एनडीआरएफ टीम देशी जुगाड़ से निकालने की कोशिश कर रही थी. लेकिन दूसरे दिन चौथे प्रयास तक महज 30 फीट उपर लाया जा सका और अभी भी चेतना बोरवेल में 120 फीट पर फंसीं है. आखिरकार 24 घंटे बाद प्रशासन ने पैरलल डिगिंग का फैसला लिया और हरियाणा के मानेसर से पायलिंग मशीन मंगवाई. अभी तक मशीन के नहीं पहुंचने से सामांनातर खुदाई का काम शुरु नहीं सका.
जेसीबी से पास में गड्डे की खुदाई का काम भी दूसरे दिन शाम को शुरु हुआ. चेतना का परिवार रेस्क्यू में देरी से ख़फ़ा है. चेतना के दादा हरसाया चौधरी ने आरोप लगाया कि खुदाई के काम में देरी की गई है. पायलिंग मशीन अब मंगवाई गई है, कब आएगी और कब खुदाई होगी? चौधरी ने कहा कि पहले प्रशासन कहा रहा था मिट्टी गिर गई हटा रहे हैं और अब गड्ढा खोदने की बात कर रहे हैं.
वहीं राजस्थान आपदा प्रबंधन के अधिकारी रवि कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन को सुबह ही बता दिया था पैरलल गड्ढा खोदने के लिए. जब इस पर कोटपूतली के एडीएम ओम प्रकाश सहारण से पूछा तो कहा कि पैरलल गड्ढा खोदने के लिए मशीन मंगवाई गई है. लेकिन हमारी पहली कोशिश सीधे उपकरणों से निकालना हे.
अब तक के रेस्क्यू आपरेशन में प्रशासन सबसे पहले नजदीक जेसीबी से गड्ढा खोदता आया और एनडीआरएफ सीधे उपकरण से निकालने की भी कोशिश करती आई. दौसा में ये दोनों तरीके फेल होने के बाद पायलिंग मशीन मंगवाई थी सीधे जमीन में बोरवेल के पास मशीन से खुदाई के लिए. दौसा में पायलिंग मशीन मंगवाने में देरी भारी पड़ी. बावजूद कोटपूतली में न सिर्फ उस गलती को दोहराया. बल्कि गड्ढा खोदने का काम भी चौबीस घंटे तक शुरु नहीं किया था.
FIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 06:47 IST