Wednesday, April 2, 2025
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Kodha gang lively within the nation modified the sample of crime | देश में एक्टिव कोढ़ा गैंग ने बदला क्राइम का पैटर्न: चोरी-छिनतई के लिए महिला, बच्चों को मोहरा बना रहे स्कैमर्स; नंबर चेंज कर नेपाल में खपा रहे मोबाइल – Purnia Information


चोरी और छिनतई की घटनाओं के लिए देश भर में एक्टिव कोढा गैंग अब नए ट्रेंड और अलग तरीके आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहा है। मोबाइल चोरी और छिनतई में खुद शामिल न होकर ये गिरोह स्मैकर्स, बच्चों और महिलाओं को अपना मोहरा बना रहा है। बगैर हाथ मैला किए गिरोह

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अपराध के इस नए ट्रेंड से न सिर्फ कोढा गैंग को पुलिस की पकड़ से बचने में मदद मिल रही है, बल्कि इनका नेटवर्क भी पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है।

साल 2022 में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर के एसपी रहते हुए पुलिस रेड में पकड़े गए कटिहार जिले के कोढा के जुराबगंज में रहने वाले गैंग के सदस्य नवीन यादव ने पूछताछ में बताया था कि उसके गैंग के सदस्य चोरी के मोबाइल को नेपाल ले जाकर वहां ‘फ्लैशर’ नाम की सस्ती सॉफ्टवेयर या फिर ऐसे ही दूसरे सॉफ्टवेयर की मदद से मोबाइल का IMEI नंबर बदल देते हैं। इसके बाद फोन नया हो जाता है। एक बार 15 अंकों वाला इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी कोड बदल जाने पर पुराने IMEI नंबर को ट्रेस करना मुमकिन नहीं। जिससे पुलिस मोबाइल ट्रेस नहीं कर पाती।

नेपाल में बाहर के देशों से लाए गए मोबाइल का रजिस्ट्रेशन नेपाल के टेलीकॉम अथॉरिटी के वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर कराना होता है। ऐसा न करने पर नेपाल का सिमकार्ड मोबाइल में काम नहीं नहीं करता, जिससे मोबाइल यूजलेस है। रजिस्ट्रेशन के बाद आसानी से ऐसे मोबाइल का इस्तेमाल नेपाल में किया जा सकता है।

गिरोह के सदस्य नवीन यादव ने बताया कि साल 2020-21 से पैटर्न बिल्कुल बदल गया। पुलिस मोबाइल चोरी और छिनतई जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेने लगी। पुलिस ने शिकायत रजिस्टर करते हुए मोबाइल ट्रेस पर लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही गिरोह की मुश्किलें बढ़ गई। अब छिनतई और चोरी की गई मोबाइल फोन के ट्रेस होने का खतरा बना रहता है।

दूसरी बात कि लोग चोरी का मोबाइल खरीदने से भी परहेज करने लगे, जिस वजह से इसे औने पौने रेट पर बेचना पड़ता है। जबकि भारत के मुकाबले नेपाल में मोबाइल फोन खरीदना महंगा पड़ता है। जिससे चोरी या छिनतई के फोन की वहां अच्छी खासी कीमत मिलती है।

8 मार्च को पुलिस ने चोर गिरोह का खुलासा किया था, गिरोह का सदस्यों का कनेक्शन कोढ़ा गैंग से था।

8 मार्च को पुलिस ने चोर गिरोह का खुलासा किया था, गिरोह का सदस्यों का कनेक्शन कोढ़ा गैंग से था।

नवीन यादव ने डेढ़ साल पहले की घटना का किया जिक्र

करीब डेढ़ साल पहले की एक घटना का जिक्र करते हुए कोढा गैंग का सदस्य आगे कहता है कि मार्च 2022 में पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर ने 50 कीमती एंड्रॉयड फोन के साथ गिरोह के 8 बदमाशों को पकड़ लिया था। ये उनके गिरोह के लिए बड़ा झटका था। इसके बाद मोबाइल चोरी और छिनतई की वारदातों में मोबाइल का IMEI नंबर ट्रेस होने से साल भर में गैंग के 30 से भी अधिक सदस्य पकड़े गए। इसमें कई काफी एक्टिव मेंबर थे। गिरोह के सदस्यों को जेल से छुड़ाने में गैंग का काफी पैसा खर्च हो रहा था।

परेशानी बढ़ी तो शुरू किया गया नया ट्रेंड

इसी के बाद साल भर पहले मोबाइल चोरी और छिनतई का नया ट्रेंड गैंग ने शुरू किया। इसके लिए वे इलाके के स्मैकरों से मिले। जरूरतमंद महिलाओं और पुरुषों को झांसे में लिया। बच्चों को भी लालच देकर और मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया। बच्चों को छिनतई और चोरी के मोबाइल के बदले 500 तक जबकि स्मैकरों, महिलाओं और नौजवानों को मोबाइल की कीमत के हिसाब से 3 हजार तक देते हैं।

14 मार्च को पुलिस मैडम दिया नाम की महिला को पकड़ा, जो नेपाल में मोबाइल बेचती थी।

14 मार्च को पुलिस मैडम दिया नाम की महिला को पकड़ा, जो नेपाल में मोबाइल बेचती थी।

तारीख 14 मार्च 2025

पूर्णिया पुलिस ने नेपाल मैडम दीया 23 को गिरफ्तार किया। वो अपने पति के साथ मिलकर पूर्णिया में एक बड़ा गिरोह चला रही थी। पुलिस ने दीया के पास से चोरी के 5 मोबाइल फोन भी बरामद किए, जिसे वो नेपाल में बेचती। दीया ने शहर के मधुबनी थानाध्यक्ष सूरज प्रसाद को पूछताछ में बताया कि उसका मायका नेपाल में और ससुराल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में है। पिछले एक साल से वो पूर्णिया में किराए का मकान लेकर रह रही थी। उसे रुपए की जरूरत थी। उसने इसके बाद मोबाइल की चोरी और पॉकेटमारी के तरकीब सीखी। वो ये मोबाइल नेपाल में सक्रिय कोढा गैंग को देती थी। ट्रेनिंग भी कोढा गैंग के सदस्यों ने ही दी थी। वहां उसे इस मोबाइल की अच्छी खासी कीमत मिलती थी। रेट मोबाइल के कीमत और ब्रांड के हिसाब से तय होता था।

तारीख 8 मार्च 2024

पूर्णिया पुलिस ने मोबाइल चोर गिरोह का पर्दाफाश किया। चोरी के 11 कीमती एंड्रॉयड मोबाइल फोन के साथ 6 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह के कनेक्शन भी कोढा गैंग से जुड़े थे। गैंग इनसे मोबाइल चोरी और छिनतई करवाता। छिनतई और चोरी के मोबाइल को सस्ती कीमतों पर खरीद लेता और फिर इसे नेपाल में बेच जाता था।

तारीख 23 दिसंबर 2024

पूर्णिया पुलिस ने मोबाइल छिनतई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। छिनतई की गई डेढ़ लाख के आईफोन समेत 17 मोबाइल के साथ गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी कार्तिकेय शर्मा ने खुलासा किया कि मोबाइल छिनतई के बाद गिरोह के सदस्य सॉफ्टवेयर बदलकर नेपाल भेज दिया जाता था। इतना ही नहीं मोबाइल चोरी करने के बाद उसका लॉक तोड़कर यूपीआई से सीएसपी के जरिए रुपए की निकासी करते थे। ये रुपए नेपाल के खाता में भेज दिया जाता था।

पकड़े गए युवकों में मरंगा थाना क्षेत्र का पप्पू कुमार ठाकुर, मिल्की का शुभम पोद्दार और सहायक खजांची थाना क्षेत्र के शारदानगर का शिव सिंह का शामिल रहा। ये युवक बच्चों से मोबाइल की पॉकेटमारी, चोरी और झपटमारी करवाते थे। वे कोढा गैंग के लिए काम करते थे। छिनतई और चोरी कर कोढा गैंग के सदस्यों को देते। वे सॉफ्टवेयर से IMEI नंबर चेंज कर इसे नेपाल में बेच देते थे।



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