
Khabron Ke Khiladi
– फोटो : Amar Ujala
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लोकसभा चुनाव में नामंकन की प्रक्रिया जारी है। पहले चरण का नामांकन पूरा हो गया है। दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया जारी है। राजनीतिक दलों की ओर से टिकट दिए जाने लगे हैं। कई मौजूदा सांसदों को टिकट मिल रहा है तो कुछ का टिकट कट भी रहा है। उत्तर प्रदेश में एक सांसद का टिकट कटना सबसे ज्यादा चर्चा में है। वो सांसद हैं, वरुण गांधी। वरुण का टिकट कटने के क्या सियासी मयाने हैं? अब उनके पास कौन से विकल्प बचे हैं? क्या किसी दूसरी सीट से उन्हें टिकट मिल सकता है? उनका राजनीतिक भविष्य क्या है, इस हफ्ते के खबरों के खिलाड़ी में इसी पर चर्चा हुई। चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह, समीर चौगांवकर, राहुल महाजन, पूर्णिमा त्रिपाठी और अनुराग वर्मा मौजूद रहे।
पूर्णिमा त्रिपाठी: वरुण गांधी पिछले दो तीन साल से पार्टी लाइन से हटकर खुलकर पार्टी के खिलाफ बोलते रहे हैं। इससे तय था कि वरुण को टिकट नहीं मिलेगा। पीलीभीत का टिकट भाजपा ने घोषित कर दिया है। वरुण का टिकट कट गया है और इससे तय हो गया है कि वरुण को पीलीभीत चुनाव नहीं लड़ेंगे। आगे किसी दूसरी सीट से टिकट मिलता है तो नहीं कह सकते हैं। जहां तक मेनका को टिकट देने की बात है तो मेनका शुरू से ही भाजपा में रही हैं। वहीं, मेनका को टिकट नहीं मिलता तो वरुण अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हो जाते। वो किसी दूसरे दल से या निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतर सकते थे। इससे भाजपा को नुकसान हो सकता था। ऐसे में मेनका को टिकट देकर उन्हें पूरी तरह पार्टी ने स्वतंत्र नहीं किया गया। ये जरूर है कि वरुण को पार्टी ने किनारे कर दिया है।