Tuesday, July 15, 2025
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Khabron Ke Khiladi: On What Issues Are 2024 Lok Sabha Elections Being Fought? – Amar Ujala Hindi News Live


Khabron Ke Khiladi: On what issues are 2024 Lok Sabha elections being fought?

खबरों के खिलाड़ी।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


पहले चरण का मतदान हो जाने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में कोई तय मुद्दा दिखाई नहीं दे रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों में राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव तक में अलग-अलग मुद्दे दिख रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में मुद्दों का यह बिखराव क्या असर डालेगा। कहां किस तरह के मुद्दे दिखाई दे रहे हैं? इन्हीं सवालों पर इस हफ्ते ‘खबरों के खिलाड़ी’ में बात हुई। चर्चा के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री, अवधेश कुमार, राखी बख्शी और अनुराग वर्मा मौजूद रहे।   

राखी बख्शी: अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग मुद्दे दिखाई दे रहे हैं। यह नहीं कहा जा सकता है कि हर जगह एक ही मुद्दा चल रहा है। कहीं जाति की बात हो रही है तो कहीं रोजगार की बात हो रही है। सनातन की बात भी कई मतदाता कर रहे हैं। दक्षिण भारत के मुद्दे कुछ अलग हैं और वहां के मुद्दे अलग ढंग से उठाए गए हैं। इसी तरह नॉर्थ ईस्ट के मुद्दे अलग हैं। महिलाओं की जहां तक बात है तो उन्हें यह चाहिए कि उनके लिए क्या-क्या किया गया यह भी मुद्दा है। 

अवधेश कुमार: ज्यादातर पार्टियों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में फ्री बीज की बात की है। हमारे देश में उस तरह से पब्लिक ओपनियन बनाने की कोशिश नहीं हुई इसलिए मतदाता जाति समाज जैसे मुद्दों पर सिमट जाता है। घोषणा पत्र की दृष्टि से क्या नेता लोगों को बीच जा रहे हैं या नहीं यह भी समस्या होती है। क्या अभी भी हमारा चुनाव मंडल के दौर पर रहेगा, क्या हमारा चुनाव रोजगार के मुद्दे पर होगा? सनातन का मुद्दा हो, सीएए का मुद्दा हो मुद्दे सभी थे। ये और बात है कि चाहे पक्ष हो या विपक्ष दोनों उसे उस तरह से नहीं उठा पाए हैं। पहले दौर के चुनाव के बाद सभी दलों के जिम्मेदारी है कि मूल्यों और मुद्दों पर जो बिखरा हुआ चुनाव है वह पटरी पर आए। 

 

अनुराग वर्मा: मुद्दे बनाना विपक्ष का काम होता है। सरकार ये कहती है कि हमने बहुत अच्छा काम किया, हमने यह बना दिया इतनी सड़कें बना दीं, इतना रोजगार दे दिया हमें वोट दीजिए। अगर विपक्ष की बात करेंगे तो पिछले एक साल में मुद्दा बनाने की जगह विपक्ष गठबंधन बना रहा है नहीं बना रहा इसी पर उलझा रहा। सरकार की बात करेंगे तो वह कह रही है कि हमने राम मंदिर बनाने की बात कही थी हमने बना दिया। विपक्ष ने जितने मुद्दे उठाए वो सभी चूचू का मुरब्बा निकले। हर चुनाव में विपक्ष ईवीएम का मुद्दा उठाता है। अगर यह इतना बड़ा मुद्दा होता तो विपक्ष चुनाव का बहिष्कार कर देता। 

विनोद अग्निहोत्री: देश के राजनीतिक दल विजन से ज्यादा टेलीविजन पर निर्भर है। टेलीविजन प्रभावित जो राजनीति हो गई है उसकी वजह से विजन कहीं मिसिंग है। जहां तक घोषणा पत्र की बात है तो भाजपा का घोषणा पत्र अच्छा है और कांग्रेस का भी घोषणा पत्र अच्छा है, लेकिन देश में घोषणा पत्र पर कभी चुनाव नहीं हुए। यह बस औपचारिकता भर रह गया है।  

जहां तक मुद्दे की बात है तो यह पूरा चुनाव विकेंद्रित हो गया है। जैसे जम्मू-कश्मीर के मुद्दे जो है वो वहां के लोगों के मुद्दे हैं। यहां तक कि चुनाव क्षेत्र तक के हिसाब से मुद्दे विकेंद्रित हो गए हैं। 2014 और 2019 के चुनाव हमने राष्ट्रीय मुद्दे पर देखे। इस बार का चुनाव स्थानीय मुद्दे पर हो रहा है। विपक्ष अगर कमियां गिनाएगा तो वह किसे इसके लिए जिम्मेदार बताएगा।



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