Saturday, July 5, 2025
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Jhunjhunu News: Who Will Score A Hat-trick? Bjp Or Bjp Candidate, Congress Strong In Betting Market – Amar Ujala Hindi News Live


Jhunjhunu News: Who will score a hat-trick? BJP or BJP candidate, Congress strong in betting market

राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला

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झुंझुनू में चुनाव पहले दिन से ही भाजपा में मोदी लहर की जगह नेताओं के बीच की आपसी खींचतान दिखाई देने लगी थी। झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र में शामिल फतेहपुर में प्रदेश प्रवक्ता की स्थानीय नेताओं के साथ तू-तू मैं-मैं से उपजा विवाद हो या फिर लोकसभा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी की रिश्तेदार और पूर्व सांसद संतोष अहलावत का कर्मचारियों को डराने का वीडियो। सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होते इन वीडियो के चलते भाजपा की मुश्किलें बढ़ी ही हैं। इतना ही नहीं राजपूत समाज की नाराजगी भी परेशानी का सबब बनती जा रही  है। 

हर चुनावी दंगल के समय सट्टा बाजार की भविष्यवाणी और भावों के उतार-चढ़ाव पर भी मतदाताओं की खास नजर रहती है। इन चुनावों में इतना तो तय है कि इस संसदीय क्षेत्र से हैटट्रिक लगेगी, लेकिन यह हैटट्रिक भाजपा की जीत की होगी या भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी की लगातार तीसरी हार की यह देखने वाली बात होगी। पिछले दो लोकसभा चुनावों में यहां से भाजपा ने अपनी जीत का परचम लहराया था लेकिन इस बार के लोकसभा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी 2018 और 2023 में भाजपा के टिकट पर उदयपुर वाटी से चुनाव हार चुके हैं। यदि वे लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाते हैं तो यह उनकी लगातार तीसरी हार होगी और यदि चुनाव निकाल ले जाते हैं तो यह भाजपा के लिए हैट्रिक होगी।

वैसे इस लोकसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का ही वर्चस्व रहा है। कांग्रेस के इस अभेद किले को पहली बार 2014 में भाजपा नेत्री संतोष अहलावत ने ही भेदा था, जिसके बाद नरेन्द्र कुमार ने भाजपा टिकट पर रिकॉर्ड जीत हासिल कर भाजपा का परचम लहराया था। भाजपा की दो बार लगातार जीत के पीछे जहां मोदी लहर रही, वहीं कांग्रेस की आपसी फूट भी चरम पर थी। 

इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेन्द्र ओला स्वयं लगातार चार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और दिग्गज जाट नेता शीशराम ओला के पुत्र हैं। शीशराम ओला झुंझुनू संसदीय सीट से पांच बार सांसद रहे और केंद्र में मंत्री भी रहे। लंबे समय से कांग्रेस आपसी फूट का शिकार होती रही लेकिन गत विधानसभा चुनावों में कद्दावर नेता शीशराम ओला के पुत्र बृजेन्द्र ओला कांग्रेस के नेताओं से चली आ रही पुरानी अदावत को खत्म करने में सफल रहे और कांग्रेस को फिर से संगठित कर एक जाजम पर लाने में कारगर रहे। कांग्रेस के संगठित होने का परिणाम था कि सीकर की फतेहपुर विधानसभा और झुंझुनू जिले की सातों विधानसभा में 6 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली, जबकि भाजपा को केवल दो सीटों की जीत से संतोष करना पड़ा।

वर्तमान में एक तरफ जहां कांग्रेस एकजुट दिखाई दे रही है, वहीं भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के कई पुराने नेता कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस तथा अन्य दलों से भाजपा में आए नेता भाजपा को कितना फायदा पहुंचा पाएंगे यह तो आने वाला समय ही तय करेगा लेकिन फिलहाल कहीं न कहीं पुराने भाजपाइयों में अंतर्कलह की आहट सुनाई दे रही है। अब भाजपा की चुनावी सभाओं के बाद स्थानीय नेता और कार्यकर्ता यदि दिल से भाजपा प्रत्याशी का साथ दें तो भाजपा के लिए चुनावी वैतरणी पार करना आसान हो जाएगा।



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