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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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टेक कंपनी इंफोसिस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 6,329 करोड़ रुपए का रिफंड दिया जाएगा। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है। 2007-08 से 2018-19 तक के असेसमेंट ऑर्डर के अनुसार, कंपनी पर 2,763 करोड़ रुपए की टैक्स लायबिलिटी भी है।
कंपनी ने बताया कि इंफोसिस 31 मार्च 2024 को समाप्त होने वाली तिमाही और फाइनेंशियल ईयर के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स पर इन आदेशों के इंप्लीकेशंस का असेसमेंट कर रही है। कंपनी टैक्स देनदारी के आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने की संभावना का भी मूल्यांकन कर रही है। जारी किए गए ऑर्डर इनकम टैक्स एक्ट 1961 की विभिन्न धाराओं के अनुसार है।
इंफोसिस को ब्याज सहित मिलने वाला रिफंड 2007-08 से लेकर 2018-19 तक के असेसमेंट ईयर से संबंधित है। दूसरी ओर टैक्स देनदारी ब्याज सहित असेसमेंट ईयर 2022-23 से संबंधित है। इसके अलावा, असेसमेंट ईयर 2011-12 के लिए इंफोसिस से ब्याज सहित 4 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड की गई है।
फाइनेंशियल ईयर 2023 में इंफोसिस का इनकम टैक्स एक्सपेंस
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इंफोसिस ने 9,214 करोड़ रुपए का कंसोलिडेटेड इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया, जबकि इससे पहले के फाइनेंशियल ईयर में यह 7,964 करोड़ रुपए था।
दिसंबर 2023 में 2,500 करोड़ का इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया
कंपनी के अनुसार, इनकम टैक्स एक्सपेंडिचर में वर्तमान और डिफर्ड इनकम टैक्स शामिल हैं। दिसंबर 2023 में समाप्त तिमाही में कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनकम टैक्स एक्सपेंस दर्ज किया।
इंफोसिस की सहायक कंपनियों को भी IT डिपार्टमेंट से असेंसमेंट ऑर्डर मिले
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इन आदेशों का प्रभाव केवल पेरेंट कंपनी इंफोसिस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंफोसिस की सहायक कंपनियों को भी IT डिपार्टमेंट की ओर से असेंसमेंट ऑर्डर मिले हैं। इन आदेशों में 2018-19 और 2021-23 असेसमेंट ईयर के लिए ब्याज सहित कुल मिलाकर 277 करोड़ रुपए का टैक्स मांगा गया है।
इसके अलावा इंफोसिस की एक यूनिट को असेसमेंट ईयर 2007-09 और 2016-17 के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 की कई धाराओं के तहत 14 करोड़ रुपए के रिफंड ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।