अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क में 100 प्रतिशत कटौती करने को तैयार है। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा है कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच जल्द ही व्यापार समझौता होने वाला है। हालांकि, फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में ट्रम्प ने कहा कि वे प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर “जल्दबाजी” में नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति की बार-बार यह दावा किए जाने की पृष्ठभूमि में कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर सभी टैरिफ हटाने की पेशकश कर रहा है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि “कोई भी व्यापार समझौता पारस्परिक रूप से लाभकारी होना चाहिए।” इस बीच ट्रम्प ने एक बार फिर भारत को “दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक” बताया।
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ट्रंप ने कहा, “वे व्यापार करना लगभग असंभव बना देते हैं। क्या आप जानते हैं कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अपने टैरिफ में 100 प्रतिशत कटौती करने को तैयार हैं?” जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत के साथ समझौता जल्द ही होने वाला है, तो ट्रंप ने कहा, “यह जल्द ही होगा। मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है। देखिए, हर कोई हमारे साथ समझौता करना चाहता है।”
ट्रंप ने कहा- मैं हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहा
इसके बाद उन्होंने आगे कहा, “दक्षिण कोरिया एक समझौता करना चाहता है, लेकिन मैं हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहा हूँ। मैं बस सीमा तय करने जा रहा हूं। मैं कुछ और समझौते करूंगा। क्योंकि मैं सभी के साथ समझौता नहीं नहीं कर सकता, आप इतने सारे लोगों से नहीं मिल सकते। मेरे पास 150 देश हैं जो समझौता करना चाहते हैं।”
भारत और अमेरिका व्यापार समझौते को पुख्ता करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। गुरुवार को जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है।
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उन्होंने कहा, “ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी फाइनल नहीं होगा। कोई भी व्यापार समझौता परस्पर लाभकारी होना चाहिए; इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार समझौते से हमारी यही अपेक्षा होगी।”
व्यापार समझौते पर अमेरिका से बातचीत के लिए पीयूष गोयल अमेरिका में
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए वार्ता की प्रगति का आकलन करने के लिए फिलहाल वाशिंगटन में हैं। उनके अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर के साथ बातचीत करने की उम्मीद है।
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत, अमेरिका के साथ प्रस्तावित समझौते में कपड़ा, रत्न व आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी, कृषि उत्पाद जैसे सेब व अन्य शुल्क में रियायत चाहता है।
ट्रंप बोले- मुझे नहीं दिया जाएगा संघर्ष रोकने का श्रेय
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने पर बनी सहमति का श्रेय लिया है। फॉक्स न्यूज के ब्रेट बैयर से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के लिए व्यापार को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया था, क्योंकि परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसी देश संघर्ष के कगार पर थे जो और भी अधिक खतरनाक होने वाला था।
बैयर ने ट्रंप से उनकी “विदेश नीति की सफलताओं” के बारे में पूछा और कहा, “इस यात्रा से ठीक पहले भी आपकी विदेश नीति में कुछ सफलताएं दिखी। आपने फोन उठाया और दो परमाणु शक्तियों, भारत और पाकिस्तान को फोन किया , और आपने उन्हें युद्ध के कगार से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।” इस पर ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इसका श्रेय मुझे कभी नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने विस्तार से बताया, “वे प्रमुख परमाणु शक्तियां हैं… और वे नाराज थे। अगला चरण संभवतः जैसे को तैसा वाला था। यह और गहरा होता जा रहा था और इसमें अधिक मिसाइलों का इस्तेमाल हो रहा था। हर कोई इतना मजबूत था कि अगला चरण परमाणु संघर्ष तक पहुंच सकता था।”