नई दिल्ली: 5 साल पहले यानी साल 2020 में चीन में कोरोना वायरस का बम फूटा था. इस वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी थी. इस वायरस से लाखों लोगों की मौत हुई थी. कोरोना फिलहाल ठंडा पड़ गया है. लेकिन एक बार फिर चीन से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं. एक नए वायरस के हमले के चलते वहां के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लग गई है. इस नए वायरस का नाम है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV).
आखिर क्या है ये वायरस और कितना घातक है इंसानों के लिए? यही जानने के लिए जब हमने दिल्ली एनसीआर के मशहूर अस्पताल मैक्स हॉस्पिटल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर शरद जोशी से बात की तो उन्होंने बताया कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कोई नया वायरस नहीं है. सवाल यह है कि अभी तक इसका कोई नया वेरिएंट नहीं आया है. लेकिन दावा किया जा रहा है कि चीन में इसके नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है.
भारत में HMPV के मरीज
डॉक्टर ने जानकारी दी कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से जुड़े मरीज उनकी ओपीडी में भी आ चुके हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले दो महीने में इनफ्लुएंजा ए, इनफ्लुएंजा बी, और एच3एन2 जैसे अन्य वायरल संक्रमणों के भी मरीज उनके पास आए, लेकिन इनमें से कोई भी गंभीर स्थिति में नहीं था.
मरीजों का इलाज और रिकवरी
डॉक्टर शरद जोशी के मुताबिक सभी मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. हालांकि, कुछ मामलों में वायरस ने हार्ट पर असर डाला. जिससे मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. उन्होंने बताया कि जिन मरीजों का इम्युनिटी सिस्टम बेहतर था, वे वायरस से जल्दी उबर गए और स्वस्थ होकर घर लौट गए.
नए वेरिएंट का कोई केस नहीं
उन्होंने बताया कि फिलहाल ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के नए वेरिएंट के मामले अभी रिपोर्ट नहीं किए गए हैं और ना ही अभी कोई ऐसी स्थिति बनी है. रूटीन ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) और इन्फ्लूएंजा के मामले आ रहे हैं उनका इलाज किया जा रहा है. इस सीजन में इस तरह के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है क्योंकि सर्दी बढ़ती है और लोगों को धूप नहीं मिल नहीं पाती है.
इस वायरस के लक्षणों को पहचाने
डॉ. शरद जोशी ने बताया कि जितने भी वायरस आपके फेफड़ों से जुड़े हुए होते हैं या रेस्पिरेटरी से जुड़े होते हैं. उन सब का पहला लक्षण होता है नाक बंद होना, गला बंद होना, खांसी आना या छींक आना. बुखार आना और शरीर में थकान रहना भी इसके लक्षण हैं. कोरोना में जैसा देखा गया था कि लोगों का स्वाद खत्म हो जाता था. लोगों को सूंघने पर खुशबू का पता नहीं चलता था, ऐसा कोई लक्षण अभी तक मरीजों में नहीं देखे गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 16:58 IST